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शुक्रवार, 30 जून 2017

हम जीएसटी के लिए पूरी तरह तैयार, विपक्ष को कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए: जेटली

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नयी दिल्ली, 30 जून :भाषा: वित्त मंत्री अरूण जेटली ने माल एवं सेवा कर :जीएसटी: देश हित में एक बड़ा कर सुधार बताते हुए कहा कि सरकार इसके क््िरयान्वयन को लेकर पूरी तरह तैयार है। उन्होंने इसको शुरू करने को लेकर आयोजित कार्यक््रम में कांग्रेस और वामपंथी दलों से शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि जीएसटी व्यवस्था सभी के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और वे अब इससे अलग नहीं हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि जीएसटी शुरू होने के मौके पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आज आधी रात को कार्यक््रम आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यक््रम में कांग्रेस और वामपंथी दलों ने भाग नहीं लेने का फैसला किया है। जीएसटी पर आजतक के एक कार्यक््रम में जेटली ने ऐतहासिक कर सुधार के क््िरयान्वयन की तैयारी के बारे में पूछे जाने पर कहा, हम जीएसटी के क््िरयान्वयन को लेकर पूरी तरह तैयार हैं। आम धारणा यह है कि किसी देश में आथर्कि बदलाव या सुधार में हमेशा निजी क्षेत्र आगे रहता है। लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है कि निजी क्षेत्र की तैयारी से कहीं ज्यादा केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें तैयारी कर चुकी हैं। उन्होंने विपक्ष से जीएसटी में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा, जीएसटी देश हित में एक बहुत बड़ा सुधार है लिहाजा, जो लोग इसमें शामिल नहीं हो रहे हैं वह पीछे छूट रहे हैं..। जेटली ने कहा, सब कुछ केंद्र ने तय नहीं किया है, इसे 31 राज्य सरकारों और केंद्र सरकार ने साथ में हर फैसला किया है। जीएसटी परिषद की बैठकों की रिकॉर्डगि हमारे पास है। हमने हर विषय पर सर्वसम्मति से फैसला लिया। इसलिए मैंने सभी विपक्षी पाटर्यिों से कहा है कि आपने हर जगह पर इसपर साथ दिया है, जश्न में शामिल होना चाहिए। कांग्रेस और वामपंथी पाटर्यिों से जीएसटी प्रणाली के उद्घाटन कार्यक््रम का बहिष्कार नहीं करने के फैसले पर फिर से विचार करने की अपील करते हुए जेटली ने कहा है कि नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था सभी के संयुक्त प्रयास का परिणाम है और वह अब इससे अलग नहीं हो सकते हैं। हालांकि यदि कोई पार्टी इसके विरोध में अमादा है तो उन्हें यह समझना चाहिए कि अब यह कारवां रकेगा नहीं और केन्द्र सरकार सफलता पूर्वक देश का नया ढ़ांचा लागू करेगी। उन्होंने कहा, वह ऐसे फैसले से अपने को अलग नहीं कर सकते हैं जिसमें वह भागीदार रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार दुनिया के उन देशों से सबक लेने की तैयारी कर चुकी है जिसने भारत से पहले जीएसटी लागू किया है, जेटली ने कहा, दुनिया के बाकी देशों में जीएसटी की शुरआत और भारत में एक बड़ा मूल अंतर है। जिन देशों ने भारत से पहले जीएसटी लागू किया उन सभी देशों में आम नागरिक और कारोबारी अपना कर अदा करते हैं। वहीं भारत में कर को लेकर रवैया लचर है और कर चोरी बहुत बड़ा मुद्दा है। कर अदायगी पर जोर देते हुए वि}ा मंत्री ने कहा कि जीएसटी में एक दर्जन से अधिक केन्द्रीय और राज्य स्तरीय कर समाहित होंगे। इसके लागू होने से पूरा देश एक साझा बाजार बन जायेगा। देश में महज 80 लाख लोग अप्रत्यक्ष कर अदा करते हैं. वहीं कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में कर अदा करने वालों की संख्या बहुत अच्छी है. लिहाजा, जीएसटी का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि सूचना प्रौद्योगिकी के सहारे देश में कर चोरी पर पूरी तरह से लगाम लगाने में मदद मिलेगी और कर आधार बढ़ेगा।

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