धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल करने वाले उन्हें पाठ न पढ़ायें: नीतीश - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल करने वाले उन्हें पाठ न पढ़ायें: नीतीश

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पटना 28 जुलाई, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नई सरकार बनाने पर सांप्रदायिक शक्तियों से समझौता करने के विपक्ष के आरोपों को जवाब देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और अपने पाप छुपाने के लिए धर्मनिरपेक्षता का इस्तेमाल करने वाले उन्हें इसका पाठ न पढ़ायें। श्री कुमार ने आज विधानसभा में विश्वास मत, जिसमें उनकी सरकार 108 के मुकाबले 131 मतों से जीत गयी, पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि धर्मनिरपेक्षता का पाठ उनको देश में कोई नेता नहीं पढ़ा सकता है। उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता एक विचार है लेकिन कुछ लोग इसका इस्तेमाल भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने और अपने पाप छुपाने के लिए करते हैं। अपनी धर्मनिरपेक्ष साख पर सवाल खड़ा किये जाने से नाराज नजर आ रहे मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 में जब वह मुख्यमंत्री बने थे तब उन्होंने 1984 के भागलपुर दंगे के कई बंद मामलों की फिर से जांच करायी। इतना ही नहीं दंगा पीड़ितों को मिलने वाली मुआवजा राशि बढ़ायी गयी और जिनके जमीन पर कब्जा कर लिया गया था, उसे मुक्त कराया गया। इसी तरह उनकी सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए कई अन्य कार्य किये हैं। 


श्री कुमार ने कहा कि वह विचार से धर्मनिरपेक्षता और पारदर्शिता के समर्थक हैं। कोई धन संपत्ति अर्जित करने के लिए राजनीति करेगा तो वह उसका साथ नहीं दे सकते। उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव के समय गठबंधन में कांग्रेस को 15-20 से ज्यादा सीटें मिलने वाली नहीं थी लेकिन उन्होंने उसे 40 तक पहुंचाया। उन्होंने तेजस्वी प्रकरण के संबंध में कहा, “हमने उनसे (कांग्रेस) भी कहा कि कोई रास्ता निकालिए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वह हमेशा से मानते रहे हैं कि सत्ता राजभोग के लिए नहीं जनता की सेवा करने के लिए होती है। जब उन्होंने समता पार्टी का गठन किया और तब से लेकर जनता दल यूनाईटेड (जदयू) तक उन्होंने कभी भी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं किया। उनका अपना रास्ता है जिससे वह भटक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि उनके लिए अब राजद के साथ चलना मुश्किल था इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बिहार के हितों को ध्यान में रखकर भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने का निर्णय लिया है। केन्द्र और बिहार में अब एक ही गठबंधन की सरकार है इसलिए दोनों सरकारें मिलकर काम करेंगी जिससे राज्य का तेजी से विकास होगा। श्री कुमार ने कहा कि राजद के सत्ता में वापस आने के बाद एक बार फिर गांवों में माहौल खराब हो गया था और लोग परेशान थे। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि राजद के लोग अहंकार में न रहें। वह (नीतीश) मर्यादा का पालन करते हैं और अकारण नहीं बोलते हैं लेकिन जब कोई उन्हें विवश करेगा तो वह उसका जवाब देंगे और उसे आईना दिखायेंगे। 

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