नयी दिल्ली 30 जुलाई, उत्तराखंड के आंदोलनकारी संगठनों की समन्वय समिति ने गैरसैंण में राजधानी बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इसकी मांग की है और इसके लिए आज यहां जंतर-मंतर पर धरना भी दिया। समिति के नेता धीरेन्द्र प्रताप ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि उतराखंड के आंदोलन में 52 लोग इस स्थान से शहीद हुए थे और यह साढ़े सोलह हजार गांव का केन्द्र है, इसलिए गैरसैंण को ही राजधानी बनाया जाना चाहिए। यह उत्तराखंड की आन बान और शान है। उत्तराखंड कांग्रेस समिति के प्रवक्ता धीरेन्द्र प्रताप ने श्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि नौ नवंबर 2000 में वाजपेयी सरकार ने उत्तराखंड राज्य का गठन किया था लेकिन इन 17 वर्षों में गैरसैंण को नजरअंदाज करके राजधानी न बनाकर देहरादून में बलात राजधानी थोपी गयी। उन्होंने कहा कि यह समिति 13 सालों से इसके लिए आंदोलन चला रही है और आज अब जंतर-मंतर पर हमने धरना भी दिया। उन्होंने श्री मोदी से अपील की कि वे राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को निर्देश दें की गैरसैंण को ही राजधानी बनाया जाये और जनता की भावनाओं का आदर किया जाये। उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह मांग नहीं मानी गयी तो नौ अगस्त से असहयोग आंदोलन शुरू होगा। आज इस धरने में उत्तराखंड के सर्वश्री देव सिंह रावत, बृजमोहन उप्रेती, रवीन्द्र रावत, प्रताप शाही, प्रेमा धोनी और अनिल पंत जैसे नेताओं ने भाग लिया।
रविवार, 30 जुलाई 2017
गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने के लिए मोदी को पत्र
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