पटना 01 जुलाई (वार्ता) जन अधिकार पार्टी (लो) के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछा है कि “एक देश-एक कर” की परिकल्पना के साथ आज से देश भर लागू हुए जीएसटी की तर्ज पर देश में एक शिक्षा, एक स्वास्थ्य और एक न्याय की व्यवस्था कब लागू होगी। श्री यादव ने आज यहां जीएसटी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब सरकार टैक्स बराबर ले रही है तो नागरिकों को समान सुविधाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और न्याय जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं और मूलभूत जरूरतों में भेदभाव लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के अनुकूल माहौल नहीं है, सुविधाएं नहीं हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी उपलब्ध नहीं है। गरीबों के बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल नहीं जा रहे हैं। दूसरी ओर लाखों रुपये फीस देकर अमीर लोग अपने बच्चों को महंगे स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। जाप संयोजक ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की कीमत आम आदमी चुका रहा है। सरकारी अस्पतालों में न तो डाक्टर हैं और न दवाएं। इसके विपरीत अमीरों के लिए मेदांता और मैक्स जैसे पांच सितारा अस्पताल हैं। यही हालत न्याय के क्षेत्र में भी है। गरीब आदमी छोटे-छोटे अपराध के लिए न्याय के लिए भटकता रहता है और वर्षों जेल काटने को बाध्य होता है। इसके बावजूद न्याय की उम्मीद नहीं बंध पाती है। जबकि अमीरों के लिए लाखों और करोड़ों के फीस लेने वाले वकील मौजूद हैं। श्री यादव ने कहा कि जीएसटी की सार्थकता तभी साबित होगीए जब एक राष्ट्र, एक न्याय और एक स्वास्थ्य भी सबके लिए उपलब्ध होगा। समान शिक्षा लागू करके सभी को एक समान शिक्षा दी जा सकती है।
रविवार, 2 जुलाई 2017
एक शिक्षा, एक स्वास्थ्य और एक न्याय की व्यवस्था भी हो लागू : पप्पू
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