गुजरात में मजबूत हुए भाजपा समीकरण, राकांपा करेगा समर्थन - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 8 अगस्त 2017

गुजरात में मजबूत हुए भाजपा समीकरण, राकांपा करेगा समर्थन

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गांधीनगर, 07 अगस्त, प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में जबरदस्त राजनीतिक गहमागहमी के बीच सत्तारूढ भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का बडा प्रश्न बन गयी राज्यसभा की तीन सीटों के लिए कल मतदान होगा जिसमें तेजी से बदलते समीकरण के बीच दो सदस्यों वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अपने पहले के रूख को बदलते हुए भाजपा को समर्थन की घोषणा की है जबकि पार्टी के बागी विधायक नलिन कोटडिया के भी तेवर नरम पडते दिख रहे हैं। कोटडिया आज भाजपा विधायक दल की बैठक में तो नहीं शामिल हुए थे पर पार्टी विधायकों के लिए दिये गये रात्रिभोज में कथित तौर पर शामिल हुए। समझा जाता है कि पाटीदार आंदोलन के मुखर समर्थक तथा इसी समुदाय के नेता श्री कोटडिया को मनाने में विश्व हिन्दू परिषद के नेता प्रवीण तोगडिया ने प्रमुख भूमिका निभायी है। अगर भाजपा अपने सभी विधायकों को एकजुट रख पायी और राकांपा तथा बागी कोटडिया के अलावा इसने कांग्रेस के शंकरसिंह वाघेला गुट के सात तथा एक अन्य मत जुटा लिया तो यह तीनों सीटे जीत सकती है। राज्य में दो दशक से भी अधिक समय के बाद (1996 के बाद) पहली राज्यसभा के सदस्य चुनने के लिए चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले सर्वसम्मति से उम्मीदवार चुन लिये जाते थे। तीन सीटों के लिए चार उम्मीदवार उतारे जाने से के चलते इसकी जरूरत पडी है। मौजूदा विधानसभा में मरम्मत कार्य के कारण मतदान स्थल यहां सरकार के मुख्य प्रशासनिक परिसर स्वर्णिम संकुल दो में बनाया गया है। विधानसभा के सचिव तथा रिटर्निंग ऑफिसर डी एम पटेल ने यूनीवार्ता को बताया कि मतदान सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक होगा। मतगणना पांच बजे से होगी। इसके लिए सुरक्षा के कडे प्रबंध किये गये हैं। कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे के बाद 182 सदस्यीय विधानसभा में अब कुल 176 विधायक और इतने ही मतदाता हैं। यह चुनाव ओपन बैलेट और वरीयता प्रणाली से होगा। यह चुनाव भाजपा की श्रीमती स्मृति ईरानी (केंद्रीय मंत्री) तथा दिलीप पंडया और कांग्रेस के अहमद पटेल (श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव) के कार्यकाल पूरा होने के कारण हो रहे हैं। चुनाव में भाजपा की ओर से इसके अध्यक्ष अमित शाह तथा श्रीमती ईरानी और कांग्रेस छोड कर भाजपा में आये बलवंतसिंह राजपूत तीन उम्मीदवार हैं जबकि कांग्रेस के एकमात्र उम्मीदवार के तौर पर श्रीमती सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल मैदान में हैं। जो जीतने पर लगातार पांचवी बार संसद के उच्च सदन के सदस्य बन सकते हैं। भाजपा के प्रदेश प्रभारी भूपेन्द्र यादव ने सभी तीन सीटों पर जीत का दावा करते हुए कहा कि पार्टी के पास जरूरत से तीन मत अधिक हैं। उधर श्री पटेल ने भी अपनी जीत पक्की होने का दावा किया जबकि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने तो यह दावा किया कि वह सबसे अधिक मत पाने वाले उम्मीदवार होंगे। श्री पटेल ने कहा कि भाजपा के पास तीसरी सीट पर जीत से 16 कम सीटें होने के बावजूद इसने तोडफोड और सरकारी मशीनरी के गलत इस्तेमाल के जरिये उन्हें हराने की नीयत से अपना तीसरा प्रत्याशी उतारा है पर उसके मंसूबे सफल नहीं होंगे। 27 और 28 जुलाई को कांग्रेस के 57 में से 6 विधायकों के इस्तीफे के बाद इनमें से तीन भाजपा में शामिल हो गये थे जिनमें से एक श्री राजपूत भी हैं। इसके बाद ही कांग्रेस ने सत्तारूढ भाजपा पर हर तरह के दबाव के जरिये इसके विधायकों की खरादफरोख्त के प्रयास का आरोप लगाते हुए 44 विधायकों को बेंगलोर भेज दिया था। हालांकि ये विधायक आज सुबह लौट आये हैं और उन्हें मध्य गुजरात के एक रिसार्ट में कडी सुरक्षा के बीच रखा गया है। वहां युवा कांग्रेस के पांच सौ से अधिक समर्पित कार्यकर्ताओं की फौज को भी सुरक्षा के लिए लगाया गया है। ये विधायक वहीं से एक साथ वोट देने के लिए कल गांधीनगर आयेंगे। कांग्रेस ने वहां भी उनकी सुरक्षा की मांग की है। 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के एक बागी समेत 122, कांग्रेस के 51 (बागी शंकरसिंह वाघेला, जो भाजपा प्रत्याशी श्री राजपूत के निकट रिश्तेदार हैं तथा उनके छह समर्थकों समेत) तथा राकांपा के दो और जदयू का एक विधायक है। श्री शाह और श्रीमती ईरानी की जीत लगभग पक्की है। श्री राजपूत तथा श्री पटेल के बीच मुकाबला है। श्री पटेल ने जीत के लिए जरूरी 45 का आंकडा होने का दावा किया है। राकांपा के दो विधायकाें के शुरू में श्री पटेल का समर्थन करने के दावे के बाद अब इसने यू टर्न लेते हुए महासचिव प्रफुल्ल पटेल के निर्देश पर भाजपा के तीसरे उम्मीदवार श्री राजपूत को वोट देने की बात कही है। गुजरात परिवर्तन पार्टी की टिकट पर चुने गये भाजपा (दल के विलय के चलते) के एक बागी नलिन कोटडिया, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार के खिलाफ वोट देने का दावा किया था, के श्री पटेल को समर्थन देने की संभावना जतायी जा रही थी पर आज रात उनके भाजपा के रात्रिभोज में आने से यह समीकरण भी बदलता दिख रहा है। श्री वाघेला ने हालांकि अपने पत्ते नहीं खोले हैं पर उनके और उनके समर्थक छह अन्य कांग्रेस विधायकों के भी श्री राजपूत को वोट देने की पूरी संभावना है। चुनाव में नोटा यानी उपरोक्त में से कोई नहीं का विकल्प होने से भी परिदृश्य रोचक हो गया है। उधर राष्ट्रपति चुनाव में मत नहीं डालने वाले जदयू के इकलौते विधायक छाेटू वसावा की कांग्रेस खेमे से नजदीकी के चलते उनके श्री पटेल का समर्थन करने की संभावना है हालांकि अभी उनका रूख स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस के सचेतक शैलेष परमार ने पहले ही केवल श्री पटेल को वोट देने तथा नोटा अथवा दूसरी, तीसरी वरियता का उपयोग नहीं करने के बारे में व्हिप जारी कर रखा है जबकि भाजपा के सचेतक पंकज देसाई ने भी आज अपने विधायकों की बैठक के बाद उन्हें मतदान के दौरान मौजूद रहने और पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान के लिए व्हिप जारी किया है। इसने भी नोटा के इस्तेमाल पर रोक लगायी है। उधर श्री राजपूत के रिश्तेदार शंकरसिंह वाघेला ने कहा कि उन्होंने अपने किसी समर्थक को वोट के बारे में सलाह नहीं दी है पर समझा जाता है कि उनका, उनके पुत्र महेन्द्रसिंह वाघेला और अन्य पांच समर्थकों का मत श्री राजपूत को मिलेगा। इस बीच चुनाव के अंतिम क्षणों की रणनीति को लेकर अनौपचारिक बैठकों का दौर जारी है जिसके देर रात तक जारी रहने की संभावना है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला, श्री पटेल, श्री सोलंकी, पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया आदि आणंद के निकट रिसार्ट में ही डेरा डाले हुए हैंं। उधर श्री शाह ने भी विधायकों और अन्य नेताओं के साथ कई बैठकें की हैं।

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