शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का महंगा होना दुर्भाग्य : भागवत - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 25 जनवरी 2018

शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का महंगा होना दुर्भाग्य : भागवत

sad-to-costly-health-and-education-bhagwat
दरभंगा 24 जनवरी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शिक्षा और स्वास्थ्य को बुनियादी आवश्यकता बताते हुये आज कहा कि इन दोनों का महंगा होना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। श्री भागवत ने यहां विवेकानंद कैंसर अस्पताल का उद्घाटन करने के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य बुनियादी आवश्यकता है लेकिन यह दुर्भाग्य है कि देश में दोनों ही चीजें काफी महंगी है। उन्होंने कहा कि देश के सभी व्यक्ति दोनों सेवाएं सस्ती और सामान रूप से मिले, यह आवश्यक है। सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए। आरएसएस प्रमुख ने चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि यह सुविधा सस्ती हो, इसके लिए वे गम्भीरता से प्रयास करें। चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने वाले को सेवा का दृढ़ संकल्प लेना जरूरी है। उन्होंने कहा कि विदेशों में भी भारतीय चिकित्सकों से इलाज कराना लोगों की पहली प्राथमिकता होती है क्योंकि वहां भी भारतीय चिकित्सक पूर्ण आस्था एवं सेवा भाव से काम करते हैं। श्री भागवत ने कहा कि इसके विपरीत देश के सरकारी अस्पतालों में अच्छी चिकित्सा सुविधा नहीं होने की आम लोगों में धारणा बन गयी है। इस भ्रांति को दूर करने की चुनौती यहां के चिकित्सकों को स्वीकार करनी चाहिए और उन्हें सेवा भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन करना जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आमलोगों का विश्वास जीतना आज चिकित्सकों के लिए बड़ी चुनौती है।

आरएसएस प्रमुख ने जनसंख्या के दृष्टिकोण से सबसे बड़े देश चीन की स्वास्थ्य सेवा की प्रशंसा करते हुए कहा कि तुरंत लाभ पान के लिए एलोपैथी चिकित्सा जरूरी है लेकिन चीन की तरह ही भारत में आयुर्वेद चिकित्सा के विकास की भी अपार संभावनाएं हैं। उन्होने कहा कि दवा के साथ-साथ स्वस्थ्य वातावरण बनाने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में देश में संस्थाएं कम हैं। शहरी क्षेत्रों की तरह ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराना आज जरूरी हो गया है। इस मौके पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी चैबे ने कहा कि कैंसर असाध्य रोग है और इसे समाप्त करने के लिए सरकार कृतसंकलप्ति है। इस पर बड़े पैमाने पर शोध चल रहा है और जल्द ही इसके परिणाम आऐंगे। उन्होने बताया कि इस वर्ष दिसम्बर तक भाभा एटोमिक रिसर्च सेन्टर समेत कई संस्थाओं के साथ मिलकर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत तीन कैंसर डिटेक्शन सेन्टर खोले जाऐंगे। श्री चौबे ने कहा कि दरभंगा मेडिकल काॅलेज अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन सुपर स्पेश्यालिटी अस्पताल का कार्य शीघ्र ही पूरा हो जाएगा। उन्होंने उत्तर बिहार में कैंसर मरीजों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक तो यहां के पानी में आर्सेनिक अधिक है वहीं इस क्षेत्र के लोग तम्बाकू का अधिक सेवन करते हैं। उन्होंने तम्बाकू सेवन से परहेज करने की आवश्यकता पर बल दिया। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि बिहार जैसे गरीब राज्य में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निजी एवं स्वयंसेवी संस्थाओं का आगे आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भाभा एटोमिक रिसर्च सेन्टर के 150 करोड़ रुपये के सहयोग से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच), मुजफुरपुर में कैंसर अस्पताल खोला जाएगा। सरकार इसके लिए जल्द ही जमीन उपलब्ध कराएगी। समारोह को पूर्व केन्द्रीय मंत्री पद्मश्री डॉ. सी. पी. ठाकुर, राज्य सभा सदस्य आर. के. सिन्हा और राम कृष्ण मिशन दिल्ली के सचिव स्वामी शांतानन्द ने भी संबोधित किया।

कोई टिप्पणी नहीं: