उप राष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी ने इतिहास लेखन को और व्यापक बनाने तथा इसमें समाज के अब तक उपेक्षित रहे समूहों और समुदायों को समाहित किये जाने पर जोर दिया है। श्री अंसारी ने यहां जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास कांग्रेस के 75 वें सत्र का उद्घाटन करते हुए कहा कि अभी आवश्यकता इस बात की है कि इतिहास लेखन व्यापक हो और समाज के उन समूहों का समावेश करे जो अब तक उपेक्षित रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 4635 समुदाय हैं। इसे ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय पहचान बनाने में सभी समुदायों पर नजर रखने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इतिहासकार के लिए उदार होना आवशयक है।
उन्होंने कहा कि इतिहास के लेखन और शिक्षण की समकालीन प्रासंगिकता होती है तथा विविधता वाले समाज में समरूप समाज की कल्पना करना समस्या का कारण बन सकता है क्योंकि आज के समरूप समाज में भी विविधिता दिखाई देती है। श्री अंसारी ने कहा कि इतिहास का अध्ययन अलगशथलग रूप में नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस बारे में समकालीन प्रांसीसी इतिहासकार लेरय लेदुरे का हवाला देते हुए कहा कि इतिहास सभी सामाजिक विज्ञानों का सम्मिश्रण है।

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