पाकिस्तान ने फांसी सजा रोकने और इस पर फिर से रोक लगाने के संयुक्त राष्ट्र तथा यूरोपीय संघ का अनुरोध यह कहकर ठुकरा दिया है कि आतंकवादियों को फांसी देने से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन नहीं होता। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि उसका देश अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करता है किन्तु इस समय वह असाधारण परिस्थितियों से गुजर रहा है जिसे देखते हुए असाधारण उपाय करने की जरूरत है। पाकिस्तान सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को टेलीफोन पर हुई बातचीत में फांसी पर रोक लगाने की सलाह दी थी। प्रवक्ता ने कहा कि शांतिपूर्ण पाकिस्तान पूरी दुनिया के हित में है।
श्री शरीफ ने श्री मून से बातचीत के दौरान उन्हें आश्वासन दिया था कि आतंकवादियों को फांसी की सजा देते समय सभी कानूनी व्यवस्थाों को ध्यान में रखा जायेगा। इस बीच विदेश विभाग के प्रवक्ता तस्नीम असलम ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्तराष्ट्र मानवाधिकार समझौते के दायित्व से बंधा हुआ है लेकिन आतकवादियों को दी जा रही फांसी से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन नहीं होता। पाकिस्तान सरकार ने इस सप्ताह घोषणा की थी कि वह आतंकवादियों के मामलों की त्वरित सुनवाई के लिए सैनिक अदालतें कायम कर रही है। पाकिस्तान में इस समय 8000 सजायाफता लोग फांसी की सजा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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