उपेक्षा और बदहाली के शिकार जलालगढ़ के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के किले को राज्य सरकार ने पर्यटनस्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय किया है।
अपनी सेवा यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत छह जनवरी को पूर्णिया जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस किले का निरीक्षण किया था। मुख्यमंत्री ने इस किले का पुरातात्विक इतिहास और महत्व का प्रामाणिक ब्यौरा काशीप्रसाद जायसवाल संस्थान और पटना विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग को तैयार करने को कहा है।
इतिहासकार इस किले का संबंध फौजदार सैफ खान तो कई लोग किशनगंज के नवाब जलालुद्दीन से जोड़ते हैं। किले की खुदाई नहीं हो पायी है। इस कारण इसका सच अब भी छिपा है। जलालगढ किला कोसी नदी किनारे बसा हुआ है। मान्यता है कि इस किले के कारण कटाव से लोगों की रक्षा होती थी। बाढ़ से बचने के लिए शरण लेने को यह एक सुरक्षित जगह थी। इस किले का निर्माण हिंदू राज शैली में हुआ है। जगह-जगह पर भग्नावशेष में मंदिर के अवशेष अब भी देखे जा सकते हैं।
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