मीडिया का सनसनीखेज होना चिंताजनक. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 19 जनवरी 2012

मीडिया का सनसनीखेज होना चिंताजनक.


 मीडिया में खबरों को सनसनीखेज बनाए जाने पर चिंता जताते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को भ्रष्टाचार उजागर करने के साथ ही गलती करने पर सरकार की खिंचाई करनी चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि सनसनीखेज खबरों पर रोक लगनी चाहिए। समाचार पत्र 'द ट्रिब्यून' के 130 वर्षो के इतिहास पर एक पुस्तक का विमोचन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "हम देखते हैं कि खबर को किसी भी कीमत पर बेचने की इच्छा से उसे सनसनीखेज बनाया जाता है। पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर रिपोर्टिग की जाती है और महत्वपूर्ण मसलों एवं भ्रष्टाचार को हल्के ढंग से प्रस्तुत किया जाता है।"

मनमोहन सिंह ने कहा, "हाल ही में 'पेड न्यूज' के खुलासों से सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों को धक्का लगा है।" उन्होंने कहा, "अपनी पसंद के समाचार पत्र को जिसे मैं दशकों तक प्रत्येक सुबह पढ़ता आया उसके बारे में याद करना वाकई में सुखद है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि मीडिया को जनहित से प्रेरणा लेनी चाहिए और उसे वाणिज्यिक अथवा किसी खास वर्ग से निर्देशित नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत विश्व की बड़ी शक्तियों में शुमार है और दुनिया के देश भारत की बातें सुनते हैं और उसका सम्मान करते हैं। मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार मानती है कि मीडिया को बाहरी नियंत्रण से मुक्त रहना चाहिए।

उन्होंने कहा, "मीडिया के लिए सेंसरशिप कोई विकल्प नहीं है। यह मीडिया को सामूहिक रूप से सुनिश्चित करना है कि निष्पक्षता को बढ़ावा मिले और सनसनीखेज खबरों पर रोक लगे।" प्रधानमंत्री ने कहा कि 'पेड न्यूज' जैसी बुराइयों से लड़ने के लिए मीडिया के लोगों को स्वनियमन लागू करने के लिए आगे आना चाहिए। मनमोहन सिंह ने कहा, "यह मीडिया की जिम्मेदारी है कि वह भ्रष्टाचार और समाज एवं राजनीति की बुराइयों को उजागर करे। मीडिया को सरकार को भी परामर्श देनी चाहिए और सरकार जब गलती करे तो उसकी खिंचाई भी होनी चाहिए।"

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