अमेरिका ने भारत को भरोसा दिया है कि 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए वह अपने देश के कानून के दायरे में नई दिल्ली की हर संभावित मदद करेगा। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक न्याय विभाग में मंगलवार को भारतीय राजदूत निरूपमा राव के साथ हुई बैठक के दौरान अमेरिकी अटार्नी जनरल एरिक एच. होल्डर ने यह आश्वासन दिया।
भारतीय दूतावास से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुम्बई आतंकवादी हमले की जांच में महत्वपूर्ण सहयोग का उल्लेख करते हुए राव ने उम्मीद जताई कि इस सम्बंध में सहयोग के लिए कुछ महत्वपूर्ण अनुरोध को शीघ्र पूरा किया जाएगा। भारतीय अनुरोध के बारे में विस्तार से न बनाते हुए विज्ञप्ति में कहा गया कि बिना विलम्ब किए प्रमुख अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाने की जरूरत की दृष्टि से यह अनुरोध महत्व रखता है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, "होल्डर ने आश्वासन दिया कि उनका देश कानून के दायरे में रहते हुए इस सम्बंध में भारत की हर सम्भावित मदद करेगा. होल्डर ने उल्लेख किया कि अमेरिका भारत के सहयोग से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।" होल्डर ने 26/11 आतंकवादी हमले के मामले में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी डेविड हेडली और आठ अन्य पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार किया। ज्ञात हो कि दिल्ली की एक अदालत ने पिछले सप्ताह हेडली और उसके पाकिस्तानी मूल के कनाडाई साथी तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने के सम्बंध में बातचीत के लिए सुरक्षा एजेंसी को 13 मार्च तक का समय दिया।
हेडली और राणा का प्रत्यर्पण मुश्किल है क्योंकि हेडली अपनी सजा कम करने के लिए आतंकवादी साजिश में अपनी भूमिका कबूल कर सरकारी गवाह बन चुका है और इसके मुताबिक अमेरिका सुनवाई के लिए उसे भारत सहित किसी देश को प्रत्यर्पित नहीं कर सकता है। 26/11 हमले की साजिश रचने में हेडली की कथित रूप से मदद करने वाला राणा अमेरिका में आरोप मुक्त हो चुका है लेकिन डेनमार्क में हमला कराने के आरोप पर वह सुनवाई का सामना कर रहा है। दूतावास के मुताबिक होल्डर और राव ने आतंकवाद से लड़ाई, अपराध सम्बंधित मामलों में आपसी कानूनी सहयोग के मुद्दों सहित विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते भारत-अमेरिकी सहयोग पर भी चर्चा की।
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