बिहार सरकार की सिफारिश पर पटना श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गयी है। केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिन्दे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपने नार्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में लगभग 30 मिनट की मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘पटना श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गयी है।’
मुलाकात के दौरान नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान और उसके आसपास हुए विस्फोटों से उत्पन्न हालात और राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में गृह मंत्री को जानकारी दी। शिन्दे ने कहा कि नीतीश कुमार ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) को सौंपने को कहा था। हम मामले की जांच एनआईए को सौंप रहे हैं।
नीतीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘हमने विस्फोट से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। हमें अपनी आतंकवाद रोधी क्षमताओं को मजबूत करना है क्योंकि बिहार में इस तरह की घटना अब तक देखने को नहीं मिली। हमें केन्द्र से सुरक्षाबल और उपकरण दोनों ही चाहिए।’ उल्लेखनीय है कि बीते रविवार पटना में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान श्रृंखलाबद्ध विस्फोट हुए, जिनमें छह लोगों की मौत हो गयी और 80 से अधिक घायल हो गये। बिहार सरकार ने राज्य में आतंकवाद रोधी स्क्वाड (एटीएस) बनाने में भी केन्द्र की मदद मांगी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गृह मंत्री ने उनकी मांगों पर पूरी गंभीरता से विचार करने का आश्वासन दिया है। कुमार ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार को संभावित आतंकी हमले के बारे में कोई विशेष खुफिया जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘जांच में काफी प्रगति है लेकिन बिहार पुलिस के पास आतंकवादियों का डाटाबेस नहीं है। वह एनआईए के पास है इसलिए बिहार के पुलिस महानिदेशक ने सिफारिश की कि जांच एनआईए को सौंपी गई और बिहार पुलिस उसमें सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री पी चिदंबरम से भी मुलाकात की और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग एक बार फिर उठायी। उन्होंने कहा कि बिहार की मांग पर विचार करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अनुकूल रिपोर्ट नहीं दी है और राज्य सरकार इससे खुश नहीं है। ‘लेकिन वित्त मंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि बिहार की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।’
नीतीश कुमार ने कहा कि रिपोर्ट हालांकि अनुकूल नहीं है लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के लिहाज से अभी भी काफी गुंजाइश है। उन्होंने प्रतिकूल रिपोर्ट तैयार करने के लिए योजना आयोग की आलोचना की। कुमार ने कहा कि योजना आयोग के अधिकारी खुद ही अपने विरोधाभास को उजागर कर रहे हैं।
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