बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है। शनिवार को मनमोहन ने मोदी पर परोक्ष रूप से हमला किया था, तो रविवार को बारी मोदी की थी। मोदी ने मनमोहन को सीधे ही निशाने पर लेते हुए उनकी सरकार और कांग्रेस पर गांधी परिवार के लिए देश का इतिहास-भूगोल बदलने का आरोप लगाया।
मोदी ने मनमोहन को उनका गांव भी याद दिलाया और सवाल किया कि वह आज के दिन पाकिस्तान में क्यों हैं? मोदी ने शनिवार को मनमोहन सिंह के छत्तीसगढ़ रैली में दिए गए उस भाषण का जवाब दिया, जिसमें उन्होंने मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा था कि बीजेपी के नेता इतिहास-भूगोल तक बदल देते हैं।
गुजरात के खेड़ा में मुस्लिम ट्रस्ट के अस्पताल के उद्घाटन के मौके पर मोदी ने मनमोहन सिंह के छत्तीसगढ़ में दिए भाषण की एक-एक लाइन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नेहरू और इंदिरा गांधी को जीते जी भारत रत्न मिला, जबकि आंबेडकर और पटेल को मरने के कई साल बाद यह नसीब हो सका। आइए आपको बताते हैं मनमोहन और कांग्रेस पर क्या-क्या तीर छोड़े मोदी ने...
मनमोहन को याद दिलाया गांव: मनमोहन सिंह के देश के भूगोल को बदलने के आरोप पर मोदी ने कहा, 'प्रधानमंत्री जी आपने छत्तीसगढ़ में इतिहास और भूगोल की बातें याद कराईं। मेरा मन करता हैं कि आज मैं भी आपसे बात करूं। वैसे मेरी पार्टी का हर छोटा-मोटा कार्यकर्ता आपको अच्छी तरह समझा सकता है। यह ठीक है कि क्या बोलना है, क्या नहीं बोलना है, यह आपके हाथ में नहीं है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि भूगोल किसने बदला है? आपका जिस गांव में जन्म हुआ था वह गांव कभी हिंदुस्तान में हुआ करता था। आज आपका खुद का गांव पाकिस्तान में क्यों है? यह भूगोल किसने बदला प्रधानमंत्री जी? इस देश को दो टुकड़ों में बांटने का काम कांग्रेस ने किया है।'
चीन के हाथों जमीन किसने गंवाई: मोदी ने परोक्ष रूप से नेहरू और यूपीए सरकार पर चीन के हाथों देश की सैकड़ों किलोमीटर जमीन गंवाने का आरोप भी लगाया। मोदी ने कहा,'सैकड़ों किलोमीटर धरती चीन दबोच कर बैठा हुआ है। यह भूगोल कांग्रेस के शासन में बदला गया है। यह सब आपके और कांग्रेस के दूसरे महारथियों के कार्यकाल में हुआ है।'
गांधी को छोड़ा, रास्ता भी बदल रहे हैं: मोदी ने केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी के दांडी मार्च का मार्ग बदलवाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा,'महात्मा गांधी ने 1930 में साबरमती आश्रम से दांडी तक की यात्रा की थी। पीएम ने साबरमती से दांडी के मार्ग को हेरिटेज रोड बनाने की घोषणा की थी। पैसा देने का ऐलान किया था, लेकिन पैसा नहीं मिला। छह महीने पहले केंद्र सरकार ने चिट्ठी भेजी कि गांधी जिस रास्ते से चले थे, उसे हेरिटेज बनाने के बजाय रास्ते को 30 किलोमीटर थोड़ा दूसरे तरफ ले जाएं तो सुविधा रहेगी। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा का भूगोल कौन बदल रहा है? आपने गांधी को छोड़ दिया और अब गांधी के मार्ग को भी बदल रहे हो। भूगोल आप बदल रहे हैं और छत्तीसगढ़ में जाकर भूगोल और इतिहास का पाठ पढ़ा रहे हैं।'
1857 का स्वतंत्रता संग्राम 'बगावत'?: मोदी ने सरकार पर गांधी परिवार के लिए देश के इतिहास को बदलने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, '1857 का स्वतंत्रता संग्राम हिंदू-मुस्लिमों ने साथ मिलकर लड़ा था। यह आपकी सरकार है कि आप उसे स्वतंत्रता संग्राम कहने को तैयार नहीं है। पाठ्य पुस्तकों में उसे बगावत कहा जा रहा है। यह इतिहास के साथ खिलवाड़ है।'
अंडमान-निकोबार के शहीदों को उपेक्षित छोड़ा: मोदी ने सरकार पर अंडमान-निकोबार में जेल काटने वाले देशभक्तों की उपेक्षा का आरोप भी लगाया। मोदी ने कहा,'अंडमान-निकोबार में जेल काटने वाले देशभक्तों को एक आदमी की वजह से नई पीढ़ी तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। आपकी सरकार के मंत्री अंडमान-निकोबार गए और वहां शहीदों के नाम का बोर्ड उखाड़ कर फेंक दिया। देश के लिए मरने वालों के साथ यह आपकी सरकार का व्यवहार है।'
आंबेडकर, पटेल को भारत रत्न में देरी क्यों?: मोदी ने कहा, 'बाबा साहेब आंबेडकर और पटेल का योगदान कौन नकार सकता है। आपने उनके साथ क्या किया? एक परिवार की वाहवाही करने के लिए उनकी उपेक्षा की गई। नेहरू जी को जीते जी भारत रत्न मिला। इंदिरा गांधी को भी जीते जी भारत रत्न मिला। राजीव गांधी को निधन के ठीक बाद भारत रत्न मिला। लेकिन आंबेडकर और पटेल को भारत रत्न उनके निधन के कई सालों बाद मिला।'
श्यामा प्रसाद मुखर्जी की उपेक्षा का आरोपः मोदी ने कांग्रेस सरकारों पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की उपेक्षा का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि मुखर्जी की अस्थियां 1930 में उनके निधन के बाद 73 साल तक जीनिवा में पड़ी रहीं। 2003 में मैं जीनिवा गया और मुखर्जी की अस्थियों को लेकर आया और कच्छ के उनके गांव ले गया।' मोदी ने कांग्रेस पर लाल-बाल-पाल, अबुल कलाम आजाद को भी भुलाने का आरोप लगाया।
मोदी ने मनमोहन के भाषण में 'ऊंचे-ऊंचे मंचों से ऊंची-ऊंची बातें करने से सफलता नहीं मिलती' वाली बात पर भी निशाना साधा। मोदी ने कहा 'प्रधानमंत्री जी मैं आपकी इस बात से 100 पर्सेंट सहमत हूं। ऊंचे-ऊंचे मंच से बातें करने पर सफलता नहीं मिलती। इसका सबूत है 2012 का गुजरात का चुनाव। बड़ी-बड़ी बातें करने वालों को जनता ने घर भेज दिया और जो जमीन से जुड़ी बातें करने वाले थे, उन्हें तीसरी बार सत्ता पर बिठा दिया। बड़ी-बड़ी बातों को कोई स्वीकार नहीं करता है।'
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