फेल्प्स को रियो में इस बार भी स्वर्ण की उम्मीद - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 24 जुलाई 2016

फेल्प्स को रियो में इस बार भी स्वर्ण की उम्मीद

phelps-hope-gold-in-ioटोरंटो, 23 जुलाई, लंदन ओलंपिक में जीत के बाद रिटायर लेने और एक बार फिर वापसी करने के साथ ही अपने करियर के पांचवें ओलंपिक में उतरने जा रहे दुनिया के बेहतरीन तैराक अमेरिका के माइकल फेल्प्स ने उम्मीद जताई है कि रियो में भी वह निश्चित ही स्वर्णिम कामयाबी को दोहराएंगे। फेल्प्स अपने रिकार्ड 22 पदकों में कुछ और पदकों को शामिल करना चाहते हैं और उन्हें उम्मीद है कि रियो ओलंपिक में भी वह इसी उद्देश्य के साथ उतरेंगे। वर्ष 2012 के लंदन ओलंपिक में फेल्प्स ने अपने संन्यास की घाेषणा कर सभी को चौंका दिया था। इन खेलों में फेल्प्स ने चार स्वर्ण सहित कुल छह पदक जीते थे। हालांकि बाद में उन्होंने खेलों में वापिस आने का फैसला किया। 31 वर्षीय अमेरिकी तैराक ने कहा“ मैंने वापसी की क्योंकि मैं यही चाहता था। मैं यह अपने लिये करना चाहता था। मैं इन पलों का मजा ले रहा हूं और फिलहाल एक बार में एक ही काम करना चाहता हूं। अपने खेल से दोबारा प्यार करना मेरे लिये खास अहसास था और मैं यह अपनी शर्ताें पर करना चाहता था।” लंदन ओलंपिक से संन्यास के बाद फेल्प्स काफी परेशान हो गये थे और एक बार वह पेशेवर गोल्फर तक बनने के बारे में सोच रहे थे। लेकिन फिर उन्होंने वापिस तैराकी में ही आने का निर्णय किया। फेल्प्स पांच से 21 अगस्त तक ब्राजील के रियो डी जेनेरो में होने वाले ओलंपिक खेलों में 100 और 200 मीटर बटरफ्लाई तथा 200 मीटर व्यक्तिगत मेडले में हिस्सा ले रहे हैं। इसके अलावा उनके रिले में भी हिस्सा लेने की उम्मीद है ताकि वह अपने 18 ओलंपिक स्वर्णों की संख्या को कुछ और बढ़ा सकें। 

रियो में अपनी पुरूष टीम के उपकप्तान बनाये गये फेल्प्स ने कहा“ इस बार मैं केवल युवा खिलाड़ियों की मदद करना चाहता हूं। मैं आराम से खेलों में हिस्सा लेना चाहता हूं और युवाओं को भी ओलंपिक का दबाव नहीं लेने की सलाह दूंगा।” फेल्प्स ने 100 मीटर बटरफ्लाई और 200 मीटर मेडले स्पर्धाओं में पिछले तीन ओलंपिक में लगातार स्वर्ण जीते हैं। वर्ष 1956-68 के बीच केवल डिस्कस थ्रोअर अल ओएटर और 1984-1996 में लांग जंपर कार्ल लुईस ही अपनी व्यक्तिगत स्पर्धाओं में लगातार चार ओलंपिक में स्वर्ण जीत सके थे। उन्होंने कहा“ मैं जानता हूं कि तेज तैरने से मैं स्वर्ण पदक जीत जाऊंगा। मैं खुद को 11 वर्ष से यही सिखा रहा हूं और मुझे यकीन है कि रियो में मैं इस बार भी उम्मीदों पर खरा उतर सकूंगा।” 

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