पटना 29 नवम्बर, बिहार विधानसभा में आज सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों के जोरदार हंगामें के कारण सभा की कार्यवाही पांच मिनट बाद ही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गयी । विधानसभा में कार्यवाही शुरु होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति के मुद्दे को उठाया । इसी दौरान सत्तापक्ष के सदस्य नोटबंदी और भाजपा की वादाखिलाफी के विरोध तथा भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सदस्य कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर नारे लगाते हुए सदन के बीच में आ गये । शोरगुल और हंगामें के बीच कांग्रेस के रामदेव राय रिपोर्टरस टेबल पर चढ़ गये और .. सोनिया राहुल का अपमान , नहीं सहेगा हिन्दुस्तान.. के नारे लगाने लगे । वहीं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सदस्य ..देश की जनता करे पुकार , कहां गया 15-15 लाख का करार, मोदी-अंबानी-अडाणी का मस्त हाल , गरीब किसान-मजदूर का बुरा हाल .. तथा भाजपा के सदस्य ..मारे जा रहें पुलिस-पत्रकार , शर्म करो नीतीश कुमार..और जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सदस्य ..जमीन खरीददारी की जांच कराओ और बेनामी संपत्ति पर प्रहार करो.. के नारे लगा रहे थे । सभाध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने सदन को अव्यवस्थित देख पांच मिनट बाद ही सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी ।
भाजपा के विनोद नारायण झा ने बाद में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सत्तापक्ष के लोगों ने सदन की मर्यादा भंग की है । आज सदन में जिस तरह का व्यवहार सत्तापक्ष के लोगों ने किया है उसकी मिशाल नहीं है । उन्होंने कहा कि संभवत: पहली बार सत्तापक्ष के किसी सदस्य ने रिपोर्टरस टेबुल पर चढ़कर हंगामा किया और सदन की कार्यवाही में व्यवधान डाला। वहीं सत्तारुढ़ जद यू के विधायक दल के उप नेता श्याम रजक ने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के समय वादा किया था कि काला धन वापस लाकर वह लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपया जमा करायेंगे । अब जब उनकी सरकार ने काला धन पर चोट करने के लिए नोटबंदी की है तब उन्हें बताना चाहिए कि अब गरीबों के खाते में उनके वादे के अनुरुप राशि मिलेगी या नहीं । इसी विषय को जद यू के सदस्य सदन में उठा रहे थे । श्री रजक ने कहा कि नोटबंदी से पूर्व भाजपा ने करोड़ों रुपये की जमीन की पार्टी कार्यालय के लिए खरीद कर अपने काले धन को खपाया है। उन्होंने कहा कि यदि इसकी निष्पक्ष जांच करायी जाये तो पता चल जायेगा कि भाजपा ने अपने काले धन को किस तरह से सफेद बनाया है । सच्चाई यह है कि भाजपा ने कागज पर दिखायी गयी राशि से कई गुणा अधिक रकम देकर जमीन की खरीद की है और इसमें भारी नगद राशि का इस्तेमाल हुआ है ।
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