पटना 29 नवम्बर, बिहार के उप मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कालाधन को सफेद बनाने का एक और मौका दिये जाने के केन्द्र सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि इससे संबंधित विधेयक कालाधन वालों की मदद के लिए लाया गया है। श्री यादव ने आज यहां विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि केन्द्र सरकार ने कालाधन रखने वालों को 50 फीसदी कर चुका कर उसे सफेद बनाने का जो मौका दिया है वह गलत है । उन्होंने कहा कि सरकार नोटबंदी की आड़ में कालेधन को सफेद करने के लिए आयकर कानून में संशोधन बिल पेश किया है । उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कालाधन रखने वालों की मदद के बजाये ऐसे लोगों का नाम सार्वजनिक कर उन्हें जेल भेजना चाहिए । उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार बार-बार मौका देकर कालाधन रखने वालों की मदद कर रही है जो गलत है । वहीं दूसरी ओर कालाधन के नाम पर गरीब जनता को परेशान किया जा रहा है ।
श्री यादव ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी कालाधन के पक्ष में नहीं रही है , लेकिन यह संदेश देने की कोशिश हो रही है कि उनकी पार्टी नोटबंदी का विरोध कर कालाधन रखने वालों का समर्थन कर रही है । उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी शुरु से ही मांग करती रही है कि देश या विदेश में जहां भी कालाधन जमा हो उसे वापस लाया जाना चाहिए । उप मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी का मत रहा है कि भूमि अधिग्रहण करके उसे सभी लोगों के बीच बराबर बांटा जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि श्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव के समय वादा किया था कि काला धन वापस लाकर वह लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपया जमा करायेंगे । अब उन्हें बताना चाहिए कि गरीबों के खाते में उनके वादे के अनुरुप राशि कब मिलेगी । श्री यादव ने कहा कि उनकी पार्टी नोटबंदी के खिलाफ नहीं है बल्कि इसके कारण आम लोगों को हो रही परेशानियों से चिंतित है । उन्होंने कहा कि बिना पूरी व्यवस्था किये नोटबंदी के लिए गये इस फैसले के कारण आज पूरा देश कतार में खड़ा है । शादी वाले घरों में लोग परेशान हैं और किसानों की भी स्थिति खराब है । इन परेशानियों के कारण जनता में मोदी सरकार के खिलाफ आक्रोश है ।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से लेकर अबतक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार अपनी बात बदल रहे हैं और वह एक बात पर कायम नहीं हैं । उन्होंने कहा कि श्री मोदी जनता की तकलीफ पर रोने का ढ़ोंग कर रहे हैं । उन्होंने जनता से 50 दिन का समय मांगा है , लेकिन वह दावे के साथ कह सकते हैं कि 50 दिन के बाद भी व्यवस्था ठीक नहीं होने वाली है और नोटबंदी के बाद की परिस्थितियों के सामान्य होने में कम से कम छह से आठ माह लगेगा ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें