नयी दिल्ली, 14 मई, भारतीय महिला पहलवान एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में जापानी खिलाड़ियों से पार पाने में नाकाम रही और ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक का भी मानना है कि कम से कम इस जिंदगी में तो उनको हराना नामुमकिन है। साक्षी, विनेश फोगाट और दिव्या ककरान एशियाई चैंपियनशिप में अपने अपने भार वर्गों के फाइनल में जापानी पहलवानों से हार गयी थी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। रियो ओलंपिक में 63 किग्रा में स्वर्ण पदक जीतने वाली रिसाको कवाई ने साक्षी को 60 किग्रा के फाइनल में आसानी से हराया। रियो खेलों की एक और चैंपियन सारा दोशो ने दिव्या ककरान को 69 किग्रा भार वर्ग में हराया। साक्षी और दिव्या कोई भी छह मिनट तक नहीं टिक पायी। विनेश ने साई नांजो का कुछ देर मुकाबला किया लेकिन आखिर में उन्हें भी हार ही मिली। साक्षी ने कहा, ‘‘जापानी खिलाड़ियों को हराना बहुत मुश्किल है। इस पूरी जिंदगी में उनकी बराबरी करना बहुत मुश्किल है। हमें उन्हें हराने के लिये अगला जन्म लेना होगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा कौशल और तकनीक के मामले में हमसे कहीं बेहतर हैं। वे बेहद चुस्त और मैट पर काफी तेज होती है। अधिकतर समय हम उनकी तेजी की बराबरी नहीं कर पाते हैं। हमें उन्हें चुनौती देने के लिये अपनी तेजी बढ़ानी होगी। ’’
रविवार, 14 मई 2017
साक्षी को लगता है जापानियों को हराना मुश्किल
Tags
# खेल
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
खेल
Labels:
खेल
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें