श्रीनगर,20 मई, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कश्मीर घाटी में विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से अलगाववादियों को कथित रूप से धनराशि मिलने के मामले की जांच शुरू कर दी है, इस बीच प्रशासन ने घाटी में हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी धड़े द्वारा बुलायी गयी ‘मजलिस ए शूरा’ की आपात बैठक पर रोक लगा दी है। एनआईए ने हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी, नेशनल फ्रंट के प्रमुख नईम अहमद खान, हुर्रियत के सहयोगी फारूक अहमद डार और तहरीक-ए-हुर्रियत के गाजी जावेद बाबा समेत कई अलगाववादी नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किये हैं। नईम खान समेत कुछ अलगाववादी नेताओं ने हाल ही में एक टेलीविजन चैनल के स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कथित रूप से यह स्वीकार किया था कि अलगाववादियों को पथराव करने तथा सुरक्षा बलों पर हमले एवं संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने के लिए पाकिस्तान से धनराशि प्राप्त हो रही है। नईम खान ने हालांकि एक संवाददाता सम्मेलन में इस स्टिंग ऑपरेशन को फर्जी और बनावटी करार दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने यूनीवार्ता को बताया कि अलगाववादी नेताओं के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू करने के लिए एनआईए की टीम कल यहां पहुंची। उन्होंने बताया कि एनआईए की टीम सभी दस्तावेजों और अन्य उपलब्ध साक्ष्यों की विस्तृत जांच के बाद ही किसी अलगाववादी नेता को तलब करेगी। राज्य के दो दिवसीय दौरे पर आए रक्षा मंत्री अरुण जेटली से कल यह पूछे जाने पर कि कुछ अलगाववादी नेताओं ने यह बात स्वीकार की है कि सीमा पार से उन्हें धनराशि भेजी जा रही है, उन्होंने कहा था कि इस मामले में संबद्ध एजेंसियों को जो भी कार्रवाई करनी है वे अपने स्तर पर निर्णय लेंगी। कश्मीर घाटी में आतंकवादी गतिविधियों, पथराव आैर विरोध-प्रदर्शन की घटनाओं में अचानक तेजी आ गयी है। यहां पिछले कुछ महीनों में 50 से अधिक युवा आतंकवादी संगठन में शामिल हुए हैं।
रविवार, 21 मई 2017
एनआईए ने अलगावादियों को पाकिस्तान से फंड मिलने की जांच शुरू की
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