मधुबनी/संग्राम ( मोo आलम अंसारी ) प्रत्येक वर्ष के भांति इस वर्ष भी रूरल डेवलपमेन्ट ट्रस्ट संग्राम द्वारा पंचायत के 50 परिवार के बीच रमजान कीट वितरण किया गया। ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजक मो0 सादुल्लाह ने बताया कि ट्रस्ट अपने स्थापना काल से ही समाज में गुजड़ बसर कर रहे निःसहाय गरीब परिवार को सहयोग करती आ रही है। मो0 सादुल्लाह ने आगे जानकरी दिया की आज हमारे समाज में कई ऐसे परिवार है जिसको सही से ईफ्तार नसीब नहीं होती है फिर भी ग्रामीण क्षेत्र में कई तरह कि परेशानी उठाने के बाद भी लोग रोजा रखते है। ईस्लाम धर्म में रमजान जैसा पवित्र महिना का बहुत बड़ा महत्तव है। इस महिना में जकात सदका, फितरा के रूप में लोग अपनी-अपनी हैसियत के हिसाब से गरीब निःसहाय परिवार को सहयोग करते है। बताया गया अन्य दिनों के तरह रहजान महिना में जो पुन का कार्य किया जाता है, वह पूर्व के दिनों से कई गुणा ज्यदा पुन मिलता है। रोजा का मकसद भी होता है भूख, प्यास और अपनी आदत का त्याग करना। ट्रस्ट के कार्यक्रम संयोजक मो0 सादुल्लाह ने बताया कि हमारे आप पास कई ऐसे परिवार रहते है जो किसी तरह दो वक्त की रोटी जुटा पाता है, कई परिवार ऐसी ही रात गुजाड़ती है उनलोगों को भुखा ही सोना पड़ता है। रमजान का सही मकसद होता है अपने आस-पास रह रहे गरीब निःसहाय परिवार के जरूरतो को भूख प्यास को समझे। समाज में रह रहे गरीब निःसहाय परिवार को सहयोग करें। समाज में निवास कर रहे गरीब निःसाहय परिवार के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश से साथ ही साथ लोगों के जरूरतों के पूरा करने के लिए ट्रस्ट द्वारा आपसी सहयोग से प्रत्येक वर्ष रमजान कीट का वितरण करती है। रमजान कीट में चुड़ा, चना, आटा, तेल, दाल, खजूर, बैसन आदि सामान रहीला खातुन, सकीना खातुन, गुलशन खातुन, ईरकश खातुन, महताबुल, जरीना खातुन, जुबेधा खातुन, जाहेदा खातुन, को दिया गया। कार्यक्रम वितरण ट्रस्ट के सचिव मो0 वसीमू हक में पूर्व मुखिया अब्दुल रसीश, बैजू महतो, मो0 गुफरान अमीरूल हक औवैस आदि मौजूद थे।
सोमवार, 5 जून 2017
Home
बिहार
मधुबनी
मधुबनी : ट्रस्ट संग्राम द्वारा पंचायत के 50 परिवार के बीच रमजान कीट वितरण किया गया।
मधुबनी : ट्रस्ट संग्राम द्वारा पंचायत के 50 परिवार के बीच रमजान कीट वितरण किया गया।
Tags
# बिहार
# मधुबनी
Share This
About आर्यावर्त डेस्क
मधुबनी
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Author Details
सम्पादकीय डेस्क --- खबर के लिये ईमेल -- editor@liveaaryaavart.com
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें