- नैतिकता का तकाजा है कि ‘घोटाला उजागर पुरुष’ सुशील मोदी इस्तीफा दें.
- घोटालेबाजों को संरक्षण देने वाले भाजपा नेता गिरिराज सिंह व शहनवाज हुसैन पर कार्रवाई करो.
- एनजीओ खजाना लूट कांड की सीबीआई जांच कराओ.
पटना 16 अगस्त, माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा है कि भागलपुर एनजीओ खजाना घोटाला के खिलाफ पार्टी ने 19 अगस्त को भागलपुर बंद का आह्वान किया है. अब यह साबित हो चुका है कि चारा घोटाले की तर्ज पर राजनीतिक संरक्षण में इस संस्थागत घोटाले को अंजाम दिया गया है, जो लंबे समय से चल रहा है. ठीक जिस प्रकार चारा घोटाले में ऊपर से लेकर नीचे तक राजनेता-प्रशासन का संपूर्ण तंत्र घोटाले में शामिल था, इस एनजीओ घोटाले में भी ठीक वही बात निकलकर सामने आई है. उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों को भाजपा नेताओं द्वारा खुलकर संरक्षण देने के प्रमाण सामने आ चुके हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेताओं गिरिराज सिंह व शहनवाज हुसैन का नाम भी सामने आ रहा है. इन नेताओं के अलावा स्थानीय भाजपा नेताओं के भी नाम है. ऐसी स्थिति में इस घोटाले की सीबीआई जांच होनी चाहिए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चूंकि इस खजाना घोटाले के दौरान लंबे समय तक वित्तमंत्री का पद ‘घोटाला उजागर पुरुष’ सुशील कुुमार मोदी के पास ही था, इसलिए वे अपने पद से तत्काल इस्तीफा दें. राजकोष का पैसा वित मंत्रालय के इजाजत के बिना नहीं निकल सकता है. इसलिए सुशील मोदी पर कार्रवाई संवैधानिक नियमों के अनुरूप बनती है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की नैतिकता व भ्रष्टाचार के सवाल पर ‘जीरो टाॅलरेंस’ की नीति अब कहां गयी? वे सुशील मोदी को बर्खास्त क्यों नहीं करना चाहते? उन्होंने नीतीश कुमार द्वारा एनजीओ के जरिए विकास कार्यक्रमों को लागू कराने की नीति की भी कड़ी निंदा की. कहा कि आज स्पष्ट हो गया है कि एनजीओ के माध्यम से सरकारी कामों को कराने का मतलब है- संस्थागत भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना. यह काॅमन सेंस में है कि नीतीश राज में संस्थागत भ्रष्टाचार में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसलिए इसकी नैतिक जवाबदेही नीतीश कुमार को अपने ऊपर लेनी चाहिए.
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