पटना। राजीव नगर-दीघा इलाके में रविवार शाम एक बार फिर तीन घंटे तक फ्लैग मार्च चला। इससे राजीव नगर इलाके में बीते 5 सितंबर को हुई पुलिसिया कार्रवाई से सहमे लोग एक बार फिर दहशत में आ गए। घरों की छतों, सड़कों के किनारे और चौक पर खड़े होकर लोगों ने फ्लैग मार्च देखा। फ्लैग मार्च के बाद इलाके के चौक-चौराहों पर सन्नाटा छाया रहा। दीघा बाजार में फ्लैग मार्च को देखकर हल्की भगदड़ भी हुई। महिलाएं बाजार में खड़ी रहीं, जबकि पुरुष बड़ी संख्या में आते पुलिस बल और हूटर की आवाज सुनकर दौड़ने लगे। स्थानीय लोग बताते हैं कि पहले हुई पुलिसिया कार्रवाई के बाद से इलाके के अधिकांश घरों से गायब पुरुष आज के फ्लैग मार्च के बाद घर लौटने की हिम्मत नहीं जुटा रहे हैं। पॉलिटेक्निक मोड़ से शुरू हुआ फ्लैग मार्च फ्लैग मार्च की शुरुआत पाटलिपुत्र कॉलोनी स्थित पॉलिटेक्निक मोड़ से शाम चार बजे शुरू होकर सात बजे खत्म हुई। मार्च राजीव नगर नाला होते हुए राजीव नगर थाने के पास पहुंची। वहां से मार्च आशियाना-दीघा रोड होते हुए घुड़दौड़ रोड पहुंची। घुड़दौड़ व पोलसन रोड होते हुए दीघा थाने के समीप मार्च पहुंची। वहां से मार्च दीघा हाट होते हुए कुर्जी मोड़ के समीप समाप्त हो गई। मार्च का नेतृत्व एएसपी (ऑपरेशन) राकेश कुमार दूबे ने किया। मार्च में कोतवाली डीएसपी डा.
मो.शिब्ली नोमानी, फुलवारी डीएसपी रामाकांत प्रसाद, सदर डीएसपी सुशांत कुमार सरोज सहित दर्जनभर थानाध्यक्ष भी शामिल थे। अज्ञात 1000 के नाम पर लोगों को उठा रही पुलिस दरअसल, 5 सितंबर की घटना के बाद पुलिस थानों में हुई एफआईआर में अज्ञात लोगों का जिक्र है। पुलिस आए दिन इन अज्ञात लोगों के नाम पर ही इलाके के लोगों को पकड़ रही है। स्थानीय अशोक कुमार कहते हैं कि 5 सितंबर की घटना के बाद इलाके में शांति है। यहां रहने वाले अभी भी सदमे से नहीं उबरे हैं। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में पुलिस का फ्लैग-मार्च लोगों के दिलोदिमाग में पुलिसिया खौफ को और बढ़ा देगा। छावनी जैसा माहौल दीघा आशियाना रोड में नेपाली नगर पुल के पास से लेकर दीघा तक सड़क के पश्चिम कई टुकड़ियों में पुलिस बल रविवार को भी तैनात दिखी। इलाके में छावनी जैसा माहौल बन गया है। इलाके के दुकानदार बताते हैं कि 5 सितंबर के बाद उनकी बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोग खरीदारी करने भी कम आ रहे हैं। बाजार में पुलिस फोर्स की तैनाती अघोषित तनाव पैदा कर रहा है। अफवाहों का बाजार गर्म राजीव नगर में आए दिन अफवाहों का बाजार गर्म रहता है। लोग बताते हैं कि अक्सर उन्हें यह खबर मिलती है कि पुलिस-प्रशासन जेसीबी व अन्य उपकरण के साथ मकान तोड़ने आ रही है। एक-दो दिन पहले घटनास्थल पर पुलिस शिविर लगने की अफवाह भी उड़ी थी। अलग-अलग इलाकों से लोगों को उठाने की खबर भी खूब फैली हुई है। इसके अलावा गिरफ्तार लोगों के संबंध में भी कई तरह की अफवाहों से इलाके के लोग आए दिन गुजरते हैं।
बदले माहौल में खाली भूखंड को आवास बोर्ड को देने को तैयार है। यह बीच का समझौता के बाद ही लागू होगा। वर्तनान समय में भूमि अधिग्रहण कानून के तहत किसानों को मुआवजा दिया जाय। राजीव नगर में खाली जमीन है। इसकी पहचान की जाये।दीघा कृषि भूमि आवास बचाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता अशोक कुमार कहते हैं कि कुछ दिनों पहले तक 1024.52 एकड़ के जमीन मालिक किसी भी हालत में जमीन देने को तैयार नहीं थे। लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी है। लोग अब मुआवजा लेकर जमीन देने को तैयार हैं। उनकी मांग है कि नया नोटिफिकेशन करके बाजार मूल्य पर जमीन उनसे ले ली जाए। लेकिन आवास बोर्ड बगैर पैसा दिए जमीन हथियाने की कोशिश कर रहा है। इसका विरोध जारी रहेगा। घरों में रह रही महिलाएं स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में चल रही धड़-पकड़ के कारण रात में पुरुष घर पर नहीं रहते। मोबाइल से ही घर का हालचाल लेते रहते हैं। घर में महिलाएं और बच्चे रह रहे हैं। चोरों के भय के कारण लोग अपने घरों को अकेला नहीं छोड़ रहे हैं। कई महिलाएं बीमार होने के बावजूद घर की रखवाली के लिए अकेले रह रही हैं। इस बीच जोरदार चर्चा है कि विधायक संजीव चौरसिया प्रयासरत है कि 1974 से पूर्व से चली आ रही समस्या का समाधान कर दें। सरकार भी सकारात्मक पहल करने को तैयार है। यह भी आम चर्चा है कि आवास बोर्ड ने निम्न और निम्न मध्यम वर्ग को अधिग्रहित जमीन देने वाली थी उसमें पूर्णत: विफल है। न अधिग्रहित भूमि को कब्जाने में न ही किसानों को मुआवजा दे सकी।
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