भाकपा-माले के दूसरे राष्ट्रीय महासचिव काॅ. जौहर और काॅ. निर्मल व काॅ. रतन की शहादत की 42 वीं बरसी पर आज उन्हें श्रद्धांजलि दी गयी. 1975 में आज ही के दिन भाकपा-माले के दूसरे राष्ट्रीय महासचिव काॅ. सुब्रत दत्त (काॅॅ. जौहर), काॅॅ. डॉ.निर्मल महतो और काॅ. राजेंद्र यादव (काॅ. रतन) भोजपुर में शहीद हुुए थे। राज्य कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में समकालीन लोकयुद्ध के संपादक तथा नक्सलबाड़ी के दौर के माले नेता काॅ. बृजबिहारी पांडेय ने कहा कि काॅ. जौहर की हत्या उस वक्त हुई थी, जब देश में इमरजेंसी थी. उस कठिनतम दौर में काॅ. जौहर ने हर प्रकार के हमलों को झेलते हुए चारू मजूमदार की लाइन को मजबूती से जिंदा रखा और उसी का नतीजा है कि आज देश के विभिन्न भागों में भाकपा-माले का आंदोलन तेजी से फैला. आज एक बार फिर से देश में आपातकाल की स्थिति है. ऐसे वक्त में काॅ. जौहर द्वारा बताया गया रास्ता हमारे लिए बेहद महत्पवपूर्ण है. श्रद्धांजलि सभा में उनके अलावा भाकपा-माले के पोलित ब्यूरो सदस्य काॅ. अमर, काॅ. राजाराम, काॅ. उमेश सिंह, काॅ. संतलाल, काॅ. विभा गुप्ता, काॅ. विश्वमोहन कुमार आदि उपस्थित थे. दरभंगा में इस मौके पर पार्टी जिला कार्यालय में डाॅ. निर्मल की मूर्ति की स्थापना की गयी. मसौढ़ी में भी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी.
बुधवार, 29 नवंबर 2017
बिहार : शहादत की 42 वीं बरसी: काॅ. जौहर, निर्मल व रतन को दी गयी श्रद्धांजलि
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