- भाकपा-माले की राज्यस्तरीय टीम ने किया घटनास्थल का दौरा.
पटना 13 जनवरी, भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल ने बक्सर के नंदन गांव में दलित-गरीबों पर बर्बर पुलिसिया कहर की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि जब दलित-गरीबों ने विकास की असली तस्वीर से नीतीश कुमार को अवगत कराना चाहा, तो उनकी तानाशाही खुलकर समाने आ गयी है. वे समीक्षा यात्रा की महज नौटंकी कर रहे हैं. भाजपा-जदयू की सरकार पूरी तरह से दलित-गरीबों के खिलाफ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि कल की घटना के उपरांत नंदन गांव में दलित-गरीबों पर पुलिस ने आतंक बरपा रखा है. अब तक चार महिलाओं समेत 16 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. उसमें 16-17 वर्ष के नौजवान भी शामिल हैं. माले ने नीतीश कुमार को आगाह किया है कि जनता के आक्रोश को दमन के सहारे नहीं कुचला जा सकता. तानाशाही आचरण छोड़कर नीतीश कुमार को बिहार की जनता की बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए. इस घटना के संदर्भ में भाकपा-माले की एक राज्य स्तरीय टीम ने आज घटनास्थल का दौरा किया. इस टीम में पार्टी के राज्य स्थायी समिति के सदस्य व काराकाट के पूर्व विधायक अरूण कुमार सिंह, बक्सर के पार्टी जिला सचिव काॅ. मनोहर, शंकर राम, अयोध्या सिंह, वीर बहादुर पासवान, और कन्हैया पासवान शामिल थे. जांच टीम ने कहा है कि नंदन गांव में रविदास, पासवान व मुसहर समुदाय के दलित-गरीब रहते हैं. कुछ यादव जाति के गरीब भी इस टोले में रहते हैं. अपनी समीक्षा यात्रा के दौरान नीतीश कुमार 12 जनवरी को इस गांव में पहंुचे. दलित-गरीब किसी झांसे की बजाए सरकार के मुखिया को विकास की असली तस्वीर दिखलाना चाहते थे. वे दिखलाना चाहते थे कि जब गरीबों के पास जमीन ही नहीं तो शौचालय का निर्माण कहां से करवाया जाएगा? दलित टोले में विकास के कार्य पूरी तरह नदारद ही हैं. यहां तक कि मुख्यमंत्री के आने के पहले जो उनसे काम करवाया गया, उसका भी पैसा उन्हें नहीं दिया गया. ग्रामीण जनता अपना यह दर्द मुख्यमंत्री को बताना चाहती थी. लेकिन समीक्षा यात्रा की ढोंग करने वाले नीतीश कुमार को जनता की इन सच्चाइयों से कोई मतलब नहीं था. इसी कारण जनता आक्रोशित हुई. माले जांच टीम ने कहा कि आक्रोशित जनता पर बर्बर पुलिसिया दमन में स्थानीय विधायक ददन पहलवान और सामाजिक कल्याण मंत्री संतोष निराला ने विशेष भूमिका निभाई. लोगों को बर्बर तरीके से पीटा गया. घर की चाहरदीवारी तड़पकर लोगों के साथ मार-पीट हुई और उन्हें गिरफ्तार किया गया. चार महिलाओं रमरतिया देवी, लखमुनिया देवी, तारामुनि देवी और सोना देवी सहित 16 अन्य लोगों केा गिरफ्तार किया गया. यह बेहद निंदनीय है.
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