नयी दिल्ली 28 जनवरी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक एकता, सद्भाव,बदलाव और विकास में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए आज कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति को पुरातन समय से ही स्वीकार किया गया है अौर एक बेटी को दस बेटों के बराबर बताया गया है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2018 में आकाशवाणी पर अपने पहले रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में देश को संबोधित करते हुए सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी शक्ति ने पुरातन समय से ही अग्रणी भूमिका निभायी है। ‘मन की बात’ का यह 40 वां संस्करण था। पदम् पुरस्कारों से सम्मानित महिलाओं का उल्लेख करते हुए श्री मोदी ने कहा कि ये महिलाएं लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में सफल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे लोगों को सम्मानित कर रही है जो माैन रहकर सामाजिक बदलाव में जुटे हुए हैं। ऐसे लोग आम आदमी का जीवन आसान बनाने में लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक कल्पना चावला का जिक्र करते हुए कहा कि वह विश्व और भारत में करोड़ों लोगों की प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। उन्होेंने छतीसगढ़ में माआेवाद प्रभावित दंतेवाडा की एक महिला का उल्लेख किया जो इस क्षेत्र में ई. रिक्शा चलाती है। उन्हाेंने कहा कि इससे क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है और इलाके में बदलाव अाया है।
सोमवार, 29 जनवरी 2018
एक बेटी दस बेटों के बराबर: प्रधानमंत्री
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