गढ़कारी ने हिंदुत्व को अपमानित किया है :- बाल ठाकरे - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 21 फ़रवरी 2010

गढ़कारी ने हिंदुत्व को अपमानित किया है :- बाल ठाकरे

उत्तर भारतीयों के मुद्दे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को आड़े हाथों लेने के बाद शिवसेना ने एक और मोर्चा खोला है. ताज़ा मामला भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी का वो बयान है, जिसमें उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में मुसलमानों से उदारवादी रुख़ अपनाने की अपील की थी.

शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे को नितिन गडकरी का ये बयान रास नहीं आया है. पार्टी के मुखपत्र सामना में बाल ठाकरे ने इसे अयोध्या आंदोलन से जुड़े कार सेवकों का अपमान बताया है. सामना में बाल ठाकरे ने लिखा है- राम मंदिर निर्माण में मुसलमानों से अपील उन सैकड़ों कार सेवकों का अपमान है, जो राम मंदिर आंदोलन के दौरान शहीद हो गए. उन्होंने भाजपा से अपील की कि उसे हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़े रहना चाहिए.


इंदौर में भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अधिवेशन में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के लिए मुसलमान ख़ुद आगे आएँ. गडकरी ने कहा था- मैं मुसलमान भाइयों से अपील करता हूँ. ये हिंदुस्तान की जनता की अस्मिता का प्रतीक है कि अयोध्या में राम मंदिर होना चाहिए. मैं मुसलमानों से अपील करता हूँ कि केवल राम मंदिर के लिए उतनी जगह दे दीजिए.

गडकरी की अपील से नाराज़ शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने सामना में लिखा है- इस देश के प्रधानमंत्री ये कहते हैं कि देश के संसाधन पर पहला हक़ मुसलमानों का है और 80 करोड़ हिंदू इसे बर्दाश्त कर लेते हैं. मुसलमानों के पास सब कुछ है और हिंदुओं के पास उनका राम मंदिर भी नहीं. अब तो स्थिति ऐसी हो गई है कि हिंदुओं को राम मंदिर के लिए मुसलमानों से गिड़गिड़ाना पड़ रहा है. ठाकरे ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर राम मंदिर निर्माण के लिए मुसलमानों से ही अनुमति लेनी थी, तो राम मंदिर आंदोलन ही क्यों शुरू हुआ.

1 टिप्पणी:

yunus ने कहा…

हमारे देश की सबसे बड़ी विडम्बना यही हे के जिन्हें इस देश की उन्नति के लिए कम करना चाहिए वो ही देश को खोकला कर रहे हे . राम मंदिर को बनवाना तो कभी बी जे पी ने भी नहीं चाहा था वरना वो अपने शासन काल में मंदिर बनवा सकते थे . दरअसल ये वो मुद्दा हे जिसे जिंदा रखा जा रहा हे ताके सब पार्टी इसपर अपनी रोटिया सेक सके . हमारे देश में न जाने कितने ही मंदिर ऐसे हे जहा कोई पूजा करने वाला भी नहीं हे. न जाने कितनी ही मस्जिद ऐसी हे जहा कोई नमाज़ पढने वाला भी नहीं हे . भगवान दिलो में बसता हे इंसान के अन्दर बसता हे पत्थर से बनी हुई इमारतों में नहीं .