कई स्थानों पर झंडा वंदन के बाद वहां भारी संख्या में जुटे लोगों ने राष्ट्र गान गाया। इस अवसर पर मिठाई भी वितरित की गई। लोगों ने एक-दूसरे को विलय दिवस की शुभकामनाएं दीं। अंतिम डोगरा राजा महाराज हरि सिंह ने 26 अक्टूबर, 1947 के दिन अपनी तत्कालीन रियासत के भारत में विलय के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के दादा शेख मोहम्मद अब्दुल्ला इस समझौते पर स्वीकृति की मुहर लगाने वालों में शामिल थे। शेख अब्दुल्ला ने अपनी आत्मकथा "आतिश-ए-चिनार" में जम्मू एवं कश्मीर के भारत में विलय की प्रशंसा की थी। गांधी नगर के निवासी मोहिंदर शर्मा कहते हैं, " दुनिया के लिए यह एक संदेश है कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का एक अभिन्न हिस्सा है।" घाटी में लगभग सभी राजनीतिक दलों ने अलगाववादियों को दरकिनार करते हुए राज्य के भारत में विलय की वर्षगांठ का जश्न मनाया।
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