पूर्वी सिंहभूम के बाग्जाता और जादूगोड़ा समेत कई यूरेनियम माइन्स नक्सलियों के निशाने पर हैं। इन इलाकों में नक्सली लगातार पैठ बढ़ा रहे हैं।केंद्रीय गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को तुरंत एहतियाती कदम उठाने को कहा है। जमशेदपुर के जादूगोड़ा स्थित यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के प्लांट से प्रतिदिन 2090 टन शोधित यूरेनियम की आपूर्ति होती है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यहां के कामगार यूनियन की संबद्धता सीपीआई माओवादी से है।
हालांकि जादूगोड़ा और बाग्जाता माइन्स में जवान तैनात हैं, मगर बड़ा क्षेत्र होने के कारण यह संख्या पर्याप्त नहीं है। यही नहीं, उनका खुफिया विंग भी कारगर नहीं है। गृह मंत्रालय के उप सचिव एनआई चौधरी ने क्षेत्र में नक्सली गतिविधियों की पुख्ता सूचना मिलने पर परमाणु ऊर्जा विभाग के आईजी (सुरक्षा) ने चेताया है कि वहां सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं।
मंत्रालय ने संभावित खतरे और सुरक्षा इंतजामों की तत्काल समीक्षा कर वहां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का सुझाव दिया है। मंत्रालय ने साफ तौर पर कहा है कि वहां तैनात जवानों की संख्या कम है। नक्सलियों ने चार अगस्त को लक्खी सोरेन नामक कर्मचारी को प्रबंधन का मुखबिर बताकर मार डाला था। झारखंड के मुख्य सचिव, इंटेलीजेंस ब्यूरो के संयुक्त निदेशक व सीआईएसएफ के महानिदेशक को भी गंभीर चिंता से अवगत करा दिया है।
रविवार, 31 अक्तूबर 2010
युरेनियम माइन्स नक्सली निशाने पर !
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