तेलंगाना पर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी गई. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 30 दिसंबर 2010

तेलंगाना पर रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी गई.

अलग तेलंगाना राज्य की मांग पर गठित जस्टिस श्रीकृष्णा के नेतृत्व वाली कमेटी ने गुरूवार को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंप दी है। जस्टिस श्रीकृष्णा के नेतृत्व में कमेटी ने दो भागों में यह रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी। 


रिपोर्ट मिलने के बाद गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि इसे 6 जनवरी को सार्वजनिक किया जाएगा। इससे पहले उन्होंने आंध्र प्रदेश की प्रमुख आठ राजनीतिक पार्टियों की 6 जनवरी को ही बैठक बुलाई है। रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से पहले उनको इसकी प्रतियां दी जाएंगी और इस पर चर्चा करेंगे।


जस्टिस श्रीकृष्णा कमेटी की रिपोर्ट के मद्देनजर आंध्र प्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था क़डी कर दी गई है। केंद्र ने राज्य की सहायता के लिए 50 कंपनियां हैदराबाद भेजी हैं। तेलंगाना मसले पर विचार करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को अपने सहयोगी वरिष्ठ मंत्रियों की बैठक बुलाई थी। बैठक में गृहमंत्री पी. चिदंबरम आशंका जताई थी कि श्रीकृष्णा कमेटी की रिपोर्ट के बाद हालात बिग़ड सकते हैं इसलिए सुरक्षाबलों की 50 कंपनियां हैदराबाद भेजी गई हैं। इस बीच जानकार सूत्रों ने बताया कि श्रीकृष्ण कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में तेलंगाना को लेकर कोई साफ फार्मूला नहीं दिया है, लेकिन हालात को कैसे बदला जा सकता है, इसके लिए कुछ रास्ते जरूर सुझाए गए हैं। इसमें चार अहम मुद्दों बेरोजगारी, हैदराबाद मासला, बिजली और पानी पर विकल्प दिए गए हैं।


रिपोर्ट में इन मुद्दों के साथ इस बात की भी सिफारिश हो सकती है कि राज्य को बांटे बगैर सरकार में इलाके के हिसाब से मंत्रियों का कोटा तय कर दिया जाए और इसके लिए बाकायदा संवैधानिक गारंटी दी जाए। रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद बनने वाले माहौल से किसी तरह का नुकसान न पहुंचे, इसकी तैयारी राज्यस्तर पर की जा रही है। अलग तेलंगाना के लिए आंदोलन के दौरान आंध्र प्रदेश में कुल 1600 मामले दर्ज हुए, जिनमें से 565 वापस ले लिए गए। कांग्रेसी सांसदों के धरने से प़डे दबाव के बाद राज्य सरकार ने भरोसा दिलाया है कि 135 मामले और वापस ले लिए जाएंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: