सरकार चाहे कुछ भी कह ले पर बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधा भी बिहार वासियों को उपलब्ध नहीं है. बिहार में बिजली और पानी को लेकर कोहराम मचा हुआ है. वहीं राज्य विद्युत बोर्ड ने चरणबद्ध तरीके से सभी इलाकों में बिजली आपूर्ति करने का दावा किया है.
राज्य की राजधानी पटना सहित भोजपुर, नवादा, मुंगेर और भागलपुर जिलों में भी बिजली-पानी को लेकर सुबह से ही लोग सड़कों पर उतर आए. मुंगेर में विद्युत विभाग कार्यालय के सामने लोग धरने पर बैठ गए तो भोजपुर में लोगों ने यातायात में अवरोध पैदा किया और आगजनी पर उतारू हो गए.
नवादा में भी बिजली संकट से गुस्साए लोग सड़कों पर आ गए हैं. भागलपुर में लगातार तीसरे दिन लोग बिजली, पानी की मांग को लेकर सड़कों से लेकर गलियों तक में प्रदर्शन कर रहे हैं. इधर, पटना में भी लोग बिजली पानी को लेकर यातायात में अवरोध पैदा कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने भी विधानसभा के बाहर राज्य में बिजली, पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया और नीतीश सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी के कारण ही बिजली, पानी को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है. राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने शनिवार को ही विधानसभा में कह दिया था कि राज्य में बिजली की समस्या का समाधान तब तक नहीं होगा जब तक केंद्र द्वारा बिजली नहीं दी जाती.
बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष पी.के. राय ने सोमवार को बताया कि राज्य के सभी इलाकों में चरणबद्ध तरीके से बिजली आपूर्ति करने का निर्देश दे दिया गया है. इसके लिए अधिकारी निगरानी भी कर रही हैं. विद्युत विभाग के अनुसार रविवार को केंद्रीय क्षेत्र से बिहार को मात्र 850 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई जबकि बरौनी से मात्र 35 से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ. इसमें से अनिवार्य बिजली आपूर्ति सेवा के लिए 350 मेगावाट दे दिया गया जबकि बचे 500 मेगावट बिजली में से पटना को 250 से 300 मेगावाट बिजली आपूर्ति की गई. शेष बिजली राज्य के अन्य क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से बांटी गई ताकि बिजली का संकट कहीं पर भी बहुत ज्यादा न हो.
नवादा में भी बिजली संकट से गुस्साए लोग सड़कों पर आ गए हैं. भागलपुर में लगातार तीसरे दिन लोग बिजली, पानी की मांग को लेकर सड़कों से लेकर गलियों तक में प्रदर्शन कर रहे हैं. इधर, पटना में भी लोग बिजली पानी को लेकर यातायात में अवरोध पैदा कर रहे हैं. विपक्षी दलों ने भी विधानसभा के बाहर राज्य में बिजली, पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन किया और नीतीश सरकार के विरोध में जमकर नारे लगाए. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार और सुशील मोदी के कारण ही बिजली, पानी को लेकर समस्या उत्पन्न हो गई है. राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने शनिवार को ही विधानसभा में कह दिया था कि राज्य में बिजली की समस्या का समाधान तब तक नहीं होगा जब तक केंद्र द्वारा बिजली नहीं दी जाती.
बिहार राज्य विद्युत बोर्ड के अध्यक्ष पी.के. राय ने सोमवार को बताया कि राज्य के सभी इलाकों में चरणबद्ध तरीके से बिजली आपूर्ति करने का निर्देश दे दिया गया है. इसके लिए अधिकारी निगरानी भी कर रही हैं. विद्युत विभाग के अनुसार रविवार को केंद्रीय क्षेत्र से बिहार को मात्र 850 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गई जबकि बरौनी से मात्र 35 से 40 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ. इसमें से अनिवार्य बिजली आपूर्ति सेवा के लिए 350 मेगावाट दे दिया गया जबकि बचे 500 मेगावट बिजली में से पटना को 250 से 300 मेगावाट बिजली आपूर्ति की गई. शेष बिजली राज्य के अन्य क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से बांटी गई ताकि बिजली का संकट कहीं पर भी बहुत ज्यादा न हो.
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