रूस की राजधानी मॉस्को में मौजूद भारतीय दूतावास से रक्षा से जुड़े अहम दस्तावेजों के चोरी हो रहे हैं। पिछले दो सालों इटली की एक खुफिया एजेंसी इन दस्तावेजों की चोरी कर रही थी। इंटरनेशनल हैकर्स ग्रुप की तरफ से जारी दस्तावेजों बताते हैं कि इटैलियन साइबर पुलिस-नेशनल एंटी क्राइम कंप्यूटर सेंटर फॉर क्रिटिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोटेक्शन (सीएनएआईपीआईसी) रूसी रक्षा फर्मों को भारतीय दूतावासों की तरफ से भेजी गई चिट्ठियों को हैक कर कर रही थी।
सुरक्षा एजेंसियों और सरकारों के खिलाफ अभियान चला रहे एक अंतरराष्ट्रीय समूह एंटीसेक ऑपरेशन के हैकरों ने 26 जुलाई को कुछ दस्तावेज वेबसाइट पर डाल दिया। इन दस्तावेजों को इटैलियन साइबर पुलिस सर्वर से 'हैक' किया गया था। इसमें भारतीय दूतावास के एयर विंग और सैन्य विमान के कल पुर्जे सप्लाई करने वाली कंपनी के बीच हुए पत्राचार का ब्योरा भी शामिल है।
इटैलियन साइबर पुलिस ने 22 जून, 2010 को डिप्टी एयर अताशे डीएस शेखावत की ओर से उड़ान के लिए जरूरी कल पुर्जों की सप्लाई करने वाली कंपनी एवियाजपचास्ट को लिखी गई चिट्ठियों को हैक कर लिया। एवियाजपचास्ट ने नोटिस मिलते ही जवाब दिया। लेकिन कंपनी के जवाब को भी 'हैक' कर लिया गया। इटैलियन साइबर पुलिस ने विमानों का इंजन तैयार बनाने वाली कंपनी एनपीओ सैटर्न और इलुशिन एयरक्राफ्ट के बीच हुए पत्राचार को भी हैक कर लिया। एवियाजपचास्ट के प्रवक्ता ने साफ किया है कि कंपनी से किसी भी दस्तावेज की चोरी या हैकिंग नहीं हुई। प्रवक्ता के मुताबिक इस मामले में जो कुछ भी हुआ है, वह भारतीय दूतावास से हुआ है।
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