प्रवासी दिवस में महात्मा गाँधी पर सेमिनार. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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रविवार, 8 जनवरी 2012

प्रवासी दिवस में महात्मा गाँधी पर सेमिनार.


विश्व के बदलते परिदृश्य में महात्मा गांधी के विचार निश्चय ही प्रासंगिक हैं, आवश्यकता इस बात की है कि उनको समझकर मूल रूप में व्यक्तिगत स्तर पर उनके अनुसरण के प्रयास किए जाएं। देश-विदेश से आए विभिन्न वक्ताओं ने ये उद्गार प्रवासी भारतीय दिवस-2012 में रविवार ‘महात्मा गांधी के संदेश’ विषय पर आयोजित सेमिनार में व्यक्त किए। 

सेमिनार का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री के सलाहकार सैम पित्रोदा ने कहा कि परिवर्तनशील विश्व में आज भी महात्मा गांधी के विचार एवं दर्शन महत्वपूर्ण हैं। उनका जीवन सत्य, अहिंसा, सादगी, त्याग एवं सहयोग की भावना को पुष्ट करने का प्रबल माध्यम है और इसी सहारे वैश्विक शांति एवं सद्भाव संभव है। उन्होंने महात्मा गांधी के जीवन को विकट परिस्थितियों में प्रेरणादायी बताया और कहा कि जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या हो तो गांधी दर्शन की तरफ उन्मुख होकर सार्वभौमिक समाधान पाया जा सकता है। पित्रोदा ने कहा कि गांधी का संदेश आज भी प्रतिध्वनित होकर व्यक्ति को स्वयं का मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित करता है।

मॉरीशस के कला एवं संस्कृति मंत्री एम चुनी ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका से लौटते समय महात्मा गांधी मॉरीशस में रुके थे और उन्होंने यहां पर भारतीय मूल के श्रमिकों को संबोधित कर उनमें नवीन ऊर्जा का संवहन किया था जो आज भी यहां के नागरिकों के लिए प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को जीवन में जीवन्तता बनाए रखने के लिए सतत सांस्कृतिक एवं भाषायी संपर्क बनाए रखना होगा इससे नागरिकों में अपनी जन्मभूमि के प्रति नैतिक जिम्मेदारी का अहसास बना रहेगा।

मारीशस में बसने वाले भारतीय मूल के नागरिकों के दिलों में भारत के प्रति मौजूद लगाव का जिक्र करते हुए चुनी ने कहा कि आज भी मॉरीशस में भारतीय संस्कृति और भाषाओं को वही स्थान प्राप्त है जो भारत में है। उन्होंने मॉरीशस में हिन्दी को सरकारी भाषा का सम्मान देने वाला पहला राष्ट्र बताया और प्रवासी भारतीयों को इसके माध्यम से सतत संपर्क बनाए रखने का आह्वान करते हुए प्रवासी भारतीय राहत कोष बनाने का सुझाव दिया।

मलेशिया के मानव संसाधन मंत्री डॉ एस सुब्रमण्यम ने कहा कि गांधीजी व्यक्तिगत नैतिक पूर्णता, सामाजिक न्याय व समानता के पक्षधर होने के साथ ही इन मूल्यों को अहिंसक रूप से प्राप्त करने पर बल देते थे। इस अवसर पर अपने संबोधन में ओन्टेरियो, कनाडा में सरकारी सेवाओं के मंत्री हरिंदर ठक्कर ने गांधी के जीवनचरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विश्व के अधिकांश व्यक्तियों की आत्मा व विचारों में आज भी गांधी बसते हैं। 

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