केंद्र सरकार की ओर से एक उपभोक्ता को साल में सिर्फ 6 सब्सिडी वाले सिलिंडर दिए जाने के फैसले के बाद से तेल और गैस कंपनियों ने कनेक्शनों पर सख्ती करनी शुरू कर दी है। इसके तहत कंपनियों ने एलपीजी के नए कनेक्शन देने पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। नए कनेक्शन तब तक नहीं दिए जाएंगे तब तक उपभोक्ताओं के लिए सेंट्रालाइज प्रणाली नहीं बन जाती। इतना ही नहीं, अब नए कनेक्शन देने से पहले इस बात की भी सख्ती से जांच की जाएगी कि कहीं कस्टमर के पास पहले से तो कोई एलपीजी कनेक्शन नहीं है, भले ही वह दूसरी कंपनी का ही क्यों न हो।
सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वह नए कनेक्शन के लिए आए फॉर्म की जांच करें कि गैस कनेक्शन की मांग करने वाले कस्टमर के पास पहले से अलग-अलग कंपनियों के कनेक्शन तो नहीं है। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक सीनियर अधिकार ने बताया, 'नया कनेक्शन लेने के लिए कस्टमर्स सारे जरूरी कागजातों के साथ स्थानीय डिस्ट्रिब्यूटर्स के पास आवेदन कर सकते हैं लेकिन अब से तेल कंपनियां मल्टिपल कनेक्शन की जांच के बाद उसे अप्रूव करेंगी और गैस कनेक्शन देंगी। इस प्रक्रिया में एक हफ्ते से 10 दिन का समय लगेगा।'
डिस्ट्रिब्यूटर्स का कहना है कि गैस कनेक्शन पर कंपनियों की यह रोक अस्थायी है, ताकि सिलेंडर पर जारी सरकारी आदेश के तहत सिस्टम को अपडेट किया जा सके। कनेक्शन चाहने वालों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। आवेदकों से एक फॉर्म भी भराया जा रहा है। कंपनियों से आदेश आते ही इन्हें कनेक्शन जारी कर दिया जाएगा। एक जैसे नाम और पते वाले उपभोक्ताओं की लिस्ट बनाने, पीएनजी के बावजूद घरेलू सिलिंडर रखने वाले, फॉर्म में सही पता न देने वालों आदि की डीटेल तैयार करने के लिए यह रोक लगाई गई है। चूंकि साल भर में सिर्फ छह सिलिंडर ही सस्ते मिलेंगे, इसलिए उपभोक्ताओं की छानबीन जरूरी है।
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