जनरल वी.के. सिंह की संसद को भंग करने की मांग. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

जनरल वी.के. सिंह की संसद को भंग करने की मांग.


सत्ता पक्ष और विपक्ष के ऊपर करप्शन के लगातार बढ़ रहे हमलों के बीच पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी.के. सिंह ने संसद को भंग करने की मांग कर दी है। उन्होंने सोमवार को कहा कि मौजूदा संसद को तुरंत भंग कर चुनाव कराया जाना चाहिए। इस संसद ने लोगों का भरोसा खो दिया है। जल, जंगल और जमीन के मुद्दे पर सरकार ने जनता का विश्वास खो दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार संविधान की भावना के साथ खिलवाड़ कर रही है। अन्ना ने भी जनरल वी.के. सिंह का समर्थन किया और संसद भंग करने की मांग की।

अन्ना हजारे के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद जनरल वी.के. सिंह ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर प्राइवेट कंपनियों के साथ बंदरबांट कर रही है। उन्होंने कहा कि जिस जमीन पर किसानों का हक है उसे दूसरों को दिया जा रहा है। सिंह ने कहा कि विपक्षी पार्टियों भी इस मसले पर सरकार के साथ मिली हुई हैं, इसीलिए चुप हैं।  सरकार के गलत फैसलों से आम जनता की मुसीबत बढ़ी है। प्राइवेट कंपनियों के हित में संसद में कानून बन रहे हैं। देश कैसे चले इसका फैसला जनता को करना चाहिए। महंगाई और करप्शन से जनता बेहाल है। उन्होंने कहा कि सांसदों ने मुद्दों को उठाना बंद कर दिया है। करप्शन, घोटाले, बेरोजगारी के कारण इस संसद से जनता का विश्वास उठ गया है। इसलिए हम मांग करते हैं कि संसद को भंग किया जाए।

वी.के. सिंह के मुताबिक हमलोगों ने अंग्रेजों के 200 साल के शासन से ज्यादा आजादी के बाद 65 सालों में खोया है। लोगों को जागना होगा, नहीं तो भविष्य के लिए कुछ भी नहीं बचेगा। आज हर कोई देश का शोषण कर रहा है।

कोई टिप्पणी नहीं: