रेल किराये में बढोत्तरी की सम्भावना. - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

सोमवार, 29 अक्तूबर 2012

रेल किराये में बढोत्तरी की सम्भावना.


 सालों बाद रेल मंत्रालय पूरी तरह कांग्रेस के हाथ में आया है और सालों बाद ही रेल किराये में वृद्धि की तैयारी होने लगी है। कल ही रेल राज्यमंत्री बने पश्चिम बंगाल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि रेल किराया बढ़ाना जरूरी है। माना जा रहा है कि रेल बजट से पहले ही रेल किराये में वृद्धि की घोषणा हो सकती है। चौधरी से जब पूछा गया कि क्या रेलवे के नुकसान की भरपाई के लिए किराया बढ़ाना ही एकमात्र विकल्प है तो उन्होंने कहा कि रेलवे का किराया बढ़ाना चाहिए। चारों तरफ महंगाई बढ़ रही है ऐसे में रेलवे के नुकसान की भरपाई के लिए रेल का किराया बढ़ाना ही चाहिए। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए भी रेलवे का किराया बढ़ाना जरूरी है।

नए रेल मंत्री पवन कुमार बंसल ने भी कहा कि सरकार ने यात्री किराया बढ़ाने का विकल्प खुला रखा है। सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ऐसा किया जा सकता है न कि लाभ कमाने के लिए। बंसल ने मंत्रालय का कार्यभार सम्भालने के कुछ ही देर बाद कहा कि यदि सेवाएं बेहतर करने के लिए यात्री किराए पर पुनर्विचार की आवश्यकता हुई तो हम ऐसा करेंगे. इसका उद्देश्य लाभ कमाना नहीं है। उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को रेलवे बोर्ड के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और फिर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चर्चा के नतीजों से अवगत कराएंगे। हम बाधारहित वित्तीय सिद्धांतों के साथ रेलवे को चलाना चाहते हैं।

नियमित रूप से रेल सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले बंसल ने बताया कि वह अक्सर अपने गृह नगर चंडीगढ़ जाने के लिए शताब्दी एक्सप्रेस को चुनते हैं। कई बार लोगों ने मुझसे कहा है कि यदि सरकार सेवाएं बेहतर बनाने के लिए सरकारी किराए में बढ़ोत्तरी करती है तो उन्हें इसमें कोई परेशानी नहीं होगी। बंसल ने कहा कि वह रेलवे मंत्रालय को एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में देखते हैं। बंसल ने कहा कि सुरक्षा व रेल नेटवर्क का आधुनिकीकरण उनकी प्राथमिकता होगी। गौरतलब है कि 17 साल के अंतराल के बाद रेल विभाग एक बार फिर कांग्रेस की झोली में आया है।

गौरतलब है कि इससे पहले तृणमूल कांग्रेस नेता और तत्कालीन रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी को सिर्फ इसलिए अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी थी क्योंकि उन्होंने रेल बजट में किराया बढ़ाने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद ममता बनर्जी ने उनसे त्यागपत्र ले लिया था और उनकी जगह मुकुल रॉय को रेलमंत्री बनाया गया था। टीएमसी के यूपीए से हटने के बाद इस मंत्रालय का प्रभार सीपी जोशी के पास था। अब कल हुए कैबिनेट फेरबदल में पवन बंसल को रेल मंत्री और अधीर रंजन चौधरी को रेल राज्यमंत्री बनाया गया है। अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के धुर विरोधी माने जाते हैं।

अधीर रंजन के किराया बढ़ाने के संकेत पर सीपीआई नेता गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि पदभार संभालते ही अगर अधीर रंजन चौधरी इस तरह की बात कर रहे हैं तो इसका मतलब है कि सरकार ने पहले ही अपना मन बना लिया था कि इस तरह का कदम उसे उठाना है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मुद्रास्फीति में और ज्यादा बढ़ोतरी होगी। आम लोगों पर इसका बोझ पड़ेगा। हम इसका विरोध करेंगे।

कोई टिप्पणी नहीं: