केंद्र सरकार लोकपाल के गठन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने जा रही है. सरकार लोकपाल एवं लोकायुक्त विधेयक-2011 में अंतिम संशोधनों को आगामी बृहस्पतिवार को मंजूर कर सकती है. इसे वह आगामी बजट सत्र में इसे पारित कराने की कोशिश करेगी. सरकार 18 साल के अधिक उम्र के सभी नागरिकों को पहचान पत्र देने की योजना को भी मंजूरी देगी. अन्ना के आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने लोकपाल और लोकायुक्तों के गठन के लिए एक विधेयक संसद में पेश किया था. राज्यसभा से यह जबरन पारित भी करा दिया गया लेकिन लोकसभा में रुक गया. सरकार ने एक सेलेक्ट कमेटी का गठन कर उसे फिर से लटका दिया था लेकिन सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. इस रिपोर्ट में बहुत कुछ नहीं बदला गया है.
प्रधानमंत्री को कुछ शर्तो के साथ लोकपाल के अधीन रखा गया है जबकि राज्यों को छूट दी गई है कि वे मुख्यमंत्रियों को लोकायुक्तों के दायरे में रखें या न रखें. वैसे राजनीतिक दलों की मांग थी कि लोकायुक्तों की नियुक्ति का मामला राज्यों पर छोड़ा जाए. इस विषय पर बृहस्पतिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया जाएगा. यह मामला कैबिनेट में इसलिए जल्दी से लाया जा रहा है क्योंकि सोमवार को ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने अन्ना हजारे को पत्र लिखकर आश्वासन दिया था कि बजट सत्र में लोकपाल विधेयक को पारित करने की कोशिश करेंगे. इसी कोशिश के तहत अगला कदम उठाया गया है.
देश के उन सभी नागरिकों को राष्ट्रीय पहचान पत्र मिलेगा जिनकी उम्र 18 वर्ष पूरी हो गई है. जनगणना रजिस्ट्रार ने अपनी सभी तैयारी पूरी कर ली है. कैबिनेट से अनुमति मिलने के बाद वह आईकार्ड बनाने का काम शुरू करेगा. देश की 2011 की गणना के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्ट्रर भी तैयार किया गया है.
26/11 के हमले के बाद सरकार ने निर्णय लिया था कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर समुद्र तटीय क्षेत्रों के सभी साढ़े तीन हजार गांव वालों को राष्ट्रीय पहचान पत्र दिए जाएं. यह काम पूरा हो गया है. अब ऐसा राष्ट्रीय पहचान पत्र पूरे देशवासियों को जारी कर दिया जाएगा. तालाब-झील नम भूमि के संरक्षण के लिए केंद्र सरकार दो योजनाओं को मिलाकर एक ही योजना बना रही है. नेशनल प्लान फार कंजरवेशन आफ एक्वेरिस इको सिस्टम बनाया जाएगा.
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