समाजसेवी अन्ना हजारे ने बुधवार को पटना में आयोजित 'जनतंत्र रैली' में एक अलग मोर्चा बनाने की घोषणा की, जिसका नाम 'जनतंत्र मोर्चा' रखा गया है। अन्ना ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह मोर्चा चुनाव नहीं लड़ेगा, बल्कि यह मात्र जनकल्याण का कार्य करते हुए जनता के हक की लड़ाई लड़ेगा। उन्होंने कहा कि यह मोर्चा संघर्ष का संगठन होगा, जिसमें कोई भी ऐसा व्यक्ति शामिल हो सकता है जो अन्ना के आदर्शो का अनुकरण करता हो।
संगठन की नीतियों की जानकारी देते हुए अन्ना टीम के सदस्य पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल (सेवानिवृत्त) वी़ क़े सिंह ने बताया कि यह मोर्चा भ्रष्टाचार समाप्त करने की लड़ाई लड़ेगा तथा देश में जनलोकपाल और राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति की लड़ाई लड़ेगा। इसके अतिरिक्त यह मोर्चा शिक्षा को रोजगार से जोड़ने का प्रयास करेगा तथा स्वास्थ्य सेवा में व्यापक बदलाव, नई रोजगार नीति, ग्राम सभाओं के अधिकार की लड़ाई लड़ेगा।
मोर्चा विदेशों में जमा काले धन को वापस देश में लाने के लिए भी प्रयत्न करेगा, तथा जनविरोधी कानूनों की पुनर्समीक्षा कर इसे लागू कराने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगा। सिंह ने कहा कि भूतपूर्व सैनिकों को समाज सेवा से जोड़कर उन्हें सम्मान दिया जाएगा तथा भूमिहीनों को जमीन देने की मांग किया जाएगा। संगठन पुलिस व्यवस्था में परिवर्तन के लिए संघर्ष करेगा, ताकि पुलिस को राजनीतिज्ञों के अधिकार क्षेत्र से बाहर निकालकर जनता की सेवा से जोड़ा जा सके।
अन्ना ने कहा कि कानून बनाना संसद और विधानसभा का काम है, परंतु जनतंत्र मोर्चा कानून बनाने में उसके मसौदे पर अपना विचार देगा। जो सरकार ऐसा नहीं करेगी उसे जनता सत्ता में नहीं रहने देगी। उन्होंने कहा कि यह तभी सम्भव है, जब हमलोग मिलकर लड़ाई लड़े।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें