देश में पहली बार आधी रात को होने वाले एक नेविगेशन उपग्रह प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा रॉकेट प्रक्षेपण केंद्र में शुरू हो गई है। उपग्रह का प्रक्षेपण एक जुलाई को होगा। यह जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "भारत के पहले नेविगेशन उपग्रह आईआरएनएसएस-1ए की उल्टी गिनती आज (शनिवार को) सुबह 7:11 बजे शुरू हो गई। प्रक्रिया सुचारु रूप से चल रही है।" इसरो के अधिकारी के मुताबिक यह पहला मौका है, जब भारत अपनी जमीन से किसी रॉकेट को मध्य रात्रि के आसपास प्रक्षेपित करेगा। रॉकेट का प्रक्षेपण सोमवार रात्रि 11:41 बजे होगा।
अधिकारी ने कहा, "हम देर शाम और अल सुबह तो प्रक्षेपण कर चुके हैं। लेकिन इस बार यह पहला मौका है जब इसरो एक रॉकेट मध्य रात्रि में प्रक्षेपित करेगा।" उन्होंने कहा कि इसरो के अध्यक्ष के. राधाकृषणन रॉकेट पोर्ट पर प्रक्षेपण के बाद मीडिया से रात 12:45 बजे मुलाकात कर सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि प्रक्षेपण का समय, कक्षा और उपग्रह की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए तय किया गया है।
प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट के भीतर रॉकेट पोलर सैटेलाइट लांच व्हीकल-एक्सएल (पीएसएलवी-एक्सएल) उपग्रह को 501 किलोमीटर की ऊंचाई पर छोड़ देगा। इसरो के मुताबिक 1,425 किलोग्राम का यह उपग्रह आईआरएनएसएस (भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह पद्धति)-1ए भूमि, वायु और समुद्री नेविगेशन सेवाएं मुहैया कराएगा और आपदा एवं पोत प्रबंधन में मदगार होगा। इसरो ने कहा है कि 10 वर्ष की आयु वाला यह उपग्रह आईआरएनएसएस अंतरिक्ष के सात उपग्रहों के बेड़े में से एक है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें