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गुरुवार, 1 अगस्त 2013

इंटरेस्ट रेट अब मार्केट तय करेगा.

पिछले साल अप्रैल से लोन के सस्ता होने का सिलसिला शुरू हुआ था, जो अब टूट गया है। इंटरेस्ट रेट अब मार्केट तय करेगा, जिस पर अभी किसी का भी कंट्रोल नहीं दिख रहा है। यस बैंक ने बुधवार को बेस लेंडिंग रेट 0.25 फीसदी बढ़ाकर 10.75 फीसदी कर दिया। उसने 1 अगस्त से फिक्स्ड डिपॉजिट रेट में भी 0.25-0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की है। एक्सिस बैंक ने कुछ मैच्योरिटी के डिपॉजिट रेट में 4 फीसदी का इजाफा किया है।

यह देश का तीसरा बड़ा प्राइवेट बैंक है। डिवेलपमेंट क्रेडिट बैंक और रत्नाकर बैंक जैसे छोटे प्लेयर्स ने भी कुछ दिनों पहले डिपॉजिट रेट बढ़ाए थे। बैंकों को अभी शॉर्ट टर्म लोन महंगा पड़ रहा है। इसी बीच यस बैंक ने यह कदम उठाया है। अब तक छोटे बैंक सस्ते शॉर्ट टर्म लोन से बिजनेस बढ़ा रहे थे। बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों से उलट छोटे बैंकों के पास सस्ता रीटेल डिपॉजिट कम है। आरबीआई के पिछले हफ्ते बैंकिंग सिस्टम में कैश घटाने के उपाय और शॉर्ट टर्म रेट बढ़ाने के बाद बैंक ऐसे स्टेप उठाने को मजबूर हुए हैं, जिनके बारे में 3 महीने पहले सोचना मुश्किल था। अब वे रीटेल डिपॉजिट जुटाने के लिए डिपॉजिट रेट बढ़ा रहे हैं।

इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च की हालिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इंडिया का बैंकिंग सिस्टम शॉर्ट टर्म लोन पर इस कदर डिपेंड हो गया है, जहां से री-फाइनैंसिंग के चलते उसके मार्जिन में कमी आ सकती है। उसने कहा था कि 2013 में कुल डिपॉजिट में से 45 फीसदी साल भर के अंदर मैच्योर हो रहे हैं। 2002 में यह 33 फीसदी था। काफी डिपॉजिट 6 महीने से कम समय में मैच्योर होंगे। ऐसे में कुछ बैंकों को बिजनेस के लिए होलसेल मनी मार्केट से ज्यादा लोन लेना पड़ सकता है। इससे वे लोन महंगा करने के लिए मजबूर होंगे।
इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च के सीनियर डायरेक्टर आनंदा भौमिक ने बताया, 'जो बैंक होलसेल और शॉर्ट टर्म फंडिंग पर डिपेंड करते हैं, उन पर रेट बढ़ने का ज्यादा असर होगा।

इनमें से कइयों ने ज्यादा रीटेल डिपॉजिट हासिल करने के लिए रेट बढ़ाए हैं।' वहीं, यस बैंक के डिप्टी सीएफओ और फाइनैंशल मैनेजमेंट के ग्रुप प्रेजिडेंट जयदीप अय्यर ने कहा कि रेट बढ़ाने का फैसला मार्केट की हालत देखकर लिया गया है। उन्होंने बैंक के शॉर्ट टर्म फंडिंग के भरोसे बिजनेस की बात को गलत ठहराया। अय्यर ने कहा, 'हमारे डिपॉजिट में इंडिविजुअल्स की हिस्सेदारी 86 फीसदी है। हम शॉर्ट टर्म फंडिंग के भरोसे नहीं हैं।' बैंक ने कहा कि उसके डिपॉजिट में शॉर्ट टर्म कॉर्पोरेट डिपॉजिट की हिस्सेदारी 10 फीसदी से कम है। वहीं, फंडिंग में इसका शेयर 6 फीसदी से भी कम है।

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