हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (20 मार्च ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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गुरुवार, 20 मार्च 2014

हिमाचल प्रदेश की विस्तृत खबर (20 मार्च )

हिमाचल सरकार की आमदनी और खर्चे में भारी अंतर 

शिमला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  हिमाचल सरकार की आमदनी और खर्चे में भारी अंतर है। जिस उद्देश्य के लिए विभिन्न एजेंसियों से ऋण लिए जाए रहे हैं, उनमें अधिकतर मद में पैसा खर्च ही नहीं हो रहा। प्रधान महालेखाकार सतीश लूंबा ने प्रेसवार्ता के दौरान यह खुलासा किया। कैग ने सरकारी महकमों की आडिट रिपोर्ट 21 फरवरी को विधानसभा के बजट सत्र में आखिरी दिन रखी थी, लेकिन प्रेसवार्ता शुक्रवार को हुई। इस देरी के लिए प्रधान महालेखाकार ने गॉर्टन कैसल में लगी आग को जिम्मेदार ठहराया। लूंबा ने बताया कि प्रदेश में सही वित्तीय योजनाओं की कमी के कारण करोड़ों का घाटा उठाना पड़ रहा है। इसके अलावा विभिन्न विभागों के कार्यों और उनके खर्चों का लेखाजोखा रखने के लिए भी कोई ऐसे संतोषजनक कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। सर्व शिक्षा अभियान, भारत निर्मल अभियान जैसी कई ऐसी केंद्रीय योजनाएं हैं, जिनका बजट राज्य सरकार के बजट में न आकर संबंधित जिलों में डीसी को जाता है। ऐसी विभिन्न योजनाओं का बजट सीधे रिलीज होने के कारण करीब 1200 करोड़ रुपये की राशि का ऑडिट के दौरान कहीं हिसाब ही नहीं मिला। स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल एजूकेशन और रिसर्च वर्क में संतोषजनक कार्य न करने का कारण स्वास्थ्य विभाग के करीब 18 करोड़ लैप्स हो गए हैं। परिवहन विभाग और आबकारी विभाग में तालमेल न होने कारण हजारों वाहनों के पंजीकरण के बारे में एक्साइज डिपार्टमेंट को जानकारी ही नहीं दी गई। उन्होंने बताया कि इन खामियों को लेकर प्रदेश सरकार को अवगत करवाया जा चुका है और सुझाव भी दिए गए हैं। ऑडिट रिपोर्ट में सुझाव के बाद सरकार ने करीब 271.7 करोड़ रुपये का रेवेन्यू वसूल भी कर चुकी है।

व्हीकल टैक्स में 15 करोड़ की चपत लगी
कैग ने बताया है कि परिवहन विभाग के पास रजिस्टर करीब 47 हजार 512 वाहनों में से 13 हजार 314 कॉमर्शियल वाहनों का एक्साइज डिपार्टमेंट के पास रजिस्ट्रेशन ही नहीं था। ऐसे में इन वाहनों से गुड्स और पैसेंजर टैक्स ही नहीं वसूला गया, जिससे सरकार को 15 करोड़ से अधिक का घाटा उठाना पड़ा।

फर्जी यूसी दे रहे हैं विभाग और कंपनियां
पीडब्ल्यूडी में क्वालिटी एंड कंट्रोल विंग में प्रशिक्षित अधिकारी न होने के कारण भवनों और सडक़ों का निर्माण सही नहीं हो रहा है। कंपनियों और विभागों की ओर से फर्जी यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यूसी) दिए जा रहे हैं। उन्होंने वन विभाग पर कैंपा फंड का खर्च पर्यावरण के बचाव में खर्च न करने पर भी सवाल उठाया।

तिब्बती शरणार्थियों के पात्र बच्चों मतदाता सूची में हो सकेगा नामांकन 

शिमला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  मुख्य निर्वाचन अधिकारी श्री नरेन्द्र चौहान ने आज यहां कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी स्पष्टीकरण के अनुसार तिब्बती शरणार्थियों के वे बच्चे मतदाता सूचियों में अपना नाम दर्ज करवाने के पात्र होंगे, जिनका जन्म भारत में 26 जनवरी, 1950 के पश्चात तथा प्रथम जुलाई, 1987 से पूर्व हुआ हो। इसके अलावा, आवेदक सम्बन्धित चुनाव क्षेत्र का निवासी होना चाहिए, जहां से उसने नामांकन के लिए आवेदन किया है। चौहान ने कहा कि नागरिकता अधिनियम 1955 के अनुच्छेद 3 (1) (ए) के अन्तर्गत उपरोक्त समयावधि के दौरान जन्मे तिब्बती शरणार्थियों के बच्चे भारतीय नागरिक माने जाएंगे। उन्होंने कहा कि संबंधित निर्वाचन अधिकारी उक्त तथ्यों की जांच के उपरांत ऐसे सभी तिब्बती शरणार्थियों के बच्चों का नामांकन करने से इनकार नहीं कर सकते।

वीरभद्र सिंह ने अपना चुनाव प्रचार कार्यक्रम आरम्भ कर दिया 

शिमला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।   हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के स्टार चुनाव प्रचारक वीरभद्र सिंह ने लोकसभा चुनावों के दृश्टिगत अपना चुनाव प्रचार कार्यक्रम आरम्भ कर दिया है। 22 मार्च को वे षिमला ग्रामीण विधानसभा चुनाव क्षेत्र के षोघी, टूटू, कालीहट्टी (घणाहट्टी), धामी तथा थाची में चुनावी जनसभाओं को सम्बोधित करेंगे  और षिमला लोकसभा चुनाव क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याषी श्री मोहन लाल ब्राक्टा के पक्ष में लोगों से मतदान की अपील करेंगे।  वीरभद्र सिंह 23 मार्च, 2014 को राजीव भवन षिमला में षिमला जिला ग्रामीण के जनरल हाऊस की एक बैठक को सम्बोधित करेंगे तथा कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को चुनावी टिप्स देंगे। वीरभद्र सिंह आगामी दिनों में हिमाचल प्रदेष सेे लोकसभा के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रदेषभर का व्यापक दौरा करेंगे और विभिन्न स्थानों पर चुनावी जनसभाओं को सम्बोधित करेंगे।

आजादी के बाद अब तक हुए लोकसभा चुनावों में ज्यादातर बार कांग्रेस का सिक्का ही चला 

shanta kumar
शिमला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  आजादी के बाद अब तक हुए लोकसभा चुनावों में ज्यादातर बार कांग्रेस का सिक्का ही चला, मगर कांग्रेस के एक छत्रराज को 1977 के बाद चुनौतियों का सामना करना पड़ा। जानकारी के अनुसार 1977 में प्रदेश की जनता ने कांग्रेस की जड़े हिलाकर रख दीं और प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों पर भारतीय लोक दल के उम्मीदवारों को जीत दिलवाई। हालांकि काफी अरसे बाद कांग्रेस को हार मिली, लेकिन 1980 के आम चुनावों में कांग्रेस ने इस हार को फिर से जीत में बदल दिया और एक बार फिर चारों सीटें कब्जा लीं। 1984 में भी कांग्रेस ने चारों सीटे जीत कर इतिहास दोहराया, मगर 1989 में कांग्रेस का दायरा सिमट गया तथा भारतीय जनता पार्टी तीन सीटें जीत कर ले गई, जबकि कांग्रेस को मात्र एक ही सीट पर संतोष करना पड़ा। 1991 में भाजपा तथा कांग्रेस ने दो-दो सीटें जीतीं। 1996 में फिर कांग्रेस चारों सीटें जीतने में कामयाब रही, लेकिन 1998 में भाजपा तीन सीटें हथिया कर ले गई, जबकि कांग्रेस को एक ही सीट से संतोष करना पड़ा। इसके बाद 1999 में भाजपा ने हिमाचल विकास पार्टी का सहारा लेकर तीन सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि चौथी मंडी सीट हिमाचल विकास कांग्रेस के खाते में गई। 2004 में कांग्रेस ने एक बार फिर से तीन सीटें जीतीं, जबकि एक भाजपा के खाते गई। इसके बाद 2009 में भाजपा ने एक बार फिर पकड़ बनाई तथा प्रदेश की तीन सीटों पर कब्जा जमाया और मात्र मंडी सीट पर ही वीरभद्र सिंह कांग्रेस का खाता खोल पाए।

हिमाचल में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर भी चुनावी पारा चढऩे के आसार 

शिमला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  हिमाचल में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर भी चुनावी पारा चढऩे के आसार हैं। 1962 में चीन के खिलाफ जंग में भारत की पराजय संबंधी अति गोपनीय रिपोर्ट हैंडरसन ब्रूक्स भगत रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से कांग्रेस की दिक्कतें बढ़ती दिख रही हैं। रिपोर्ट में हार के लिए पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू को जिम्मेदार ठहराया गया है। करीब तीन साल पहले स्पीति के ग्यू और समदो गांव के आसपास चीनी टोही हेलिकाप्टर मंडराते देखे गए। प्रदेश और देश की सुरक्षा से जुड़े इस मसले की लोकसभा के साथ हिमाचल विधानसभा में भी गूंज सुनाई दी। तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पाती भेजकर जोरदार ढंग से मसले को उठा चुके  हैं। वहीं लाहुल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि स्पीति में चीनी हेलिकाप्टरों की घुसपैठ के बाद केंद्र द्वारा वहां पर सुरक्षा कड़ी की गई है, हेलिकाप्टरों पर निगरानी के लिए राडार भी लगाए जा रहे हैं।

लोकसभा चुनाव किसी पार्टी की सरकार बदलने-बनाने का नहीं, बल्कि देश को बचाने के लिए हो रहा 

धर्मशाला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  इस बार लोकसभा चुनाव किसी पार्टी की सरकार बदलने-बनाने का नहीं, बल्कि देश को बचाने के लिए हो रहा है। कांगड़ा जिला के जयसिंहपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा प्रत्याशी शांता कुमार ने कहा कि देश को जितना अंग्रेजों, मुगलों व अन्य विदेशी ताकतों ने नहीं लूटा, जितना कांग्रेसियों ने लूटा है। उन्होंने कहा कि देश का वातावरण मोदीमय हो गया है, जिसे कांग्रेसी भी महसूस कर रहे हैं और चुनाव लडऩे से पीछे हट रहे हैं। जब से दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री की चुनावों में फजीहत हुई है, तभी से कई कांग्रेसी नेता चुनाव लडऩे से पीछे हटने लगे हैं। शांता कुमार ने कहा कि इस बार कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा भी तय नहीं कर पाएगी। लोकतंत्र में एक बार फिर 1967 की तरह इतिहास बदलने वाला है और भाजपा को बहुमत मिलने वाला है। पूरे विश्व की नजर इन चुनावों पर टिकी हुई है। यह चुनाव असाधारण चुनाव है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि वे हवा में न रह कर अपने बूथ को मजबूत करें हर मतदाता तक वोट मांगने पहुंचे तो समझो प्रदेश में भी चारों सीटें जीतेंगे और केंद्र में एनडीए की मजबूत सरकार का बनना तय है। उन्होंने कहा कि 50 साल की राजनीति में जनता का भरपूर आशीर्वाद प्यार व सहयोग मिला है, अब वह जनता के लिए चुनाव लडऩे जा रहे हैैं। अब देश में एनडीए की सरकार बनती नजर आ रही है तो हमारे प्रदेश में लेह-लद्दाख तक रेल मार्ग बनाने, रेलवे विस्तार करने, प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने, बड़े उद्योग लगाकर लोगों को रोजगार देने, चंबा में सीमेंट पलांट लगाने व अन्य कई बड़ी योजनाओं के खाके उनके जहन में हैं, जिनको प्राथमिकता के आधार पर पूरा करवाना ही उनका लक्ष्य है। वह अगले चुनाव में भी वोट मांगेंगे, परंतु अपने लिए नहीं, बल्कि किसी अन्य नेता के लिए। उन्होंने कहा कि भाजपा का मुकाबला कांग्रेस से है आम आदमी पार्टी क्षणिक मूवमेंट है जो हो चुकी है। 

चिडिय़ा रानी न जाने पिछले कुछ साल से कहां लुप्त हो गइ

धर्मशाला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  खेत खलिहान, घरों की चौखट और आंगन-बगिया में हर समय चहकने वाली चिडिय़ा रानी न जाने पिछले कुछ साल से कहां लुप्त हो गई है। अब तो लाख ढूंढने पर भी गौरैया (चिडिय़ा) के दर्शन दुर्लभ हो गए हैं। चावल का दाना मिल जाने पर खुशी से चहचहाने वाली चिडिय़ा रानी की चीं-चीं की मधुर आवाज अब कहीं खो गई लगती है। दरअसल, दिन-प्रतिदिन बिगड़ते प्राकृतिक संतुलन के चलते गौरैया समेत कई अन्य प्रजातियों के पक्षी लुप्त होने की कगार पर है। यही नहीं मासूम सा पक्षी फनाहर और बुलबुल भी अब कहीं खो से गए लगते हैं। अगर इन पक्षियों का क्रम इसी तरह निरंतर घटता रहा तो वह दिन दूर नहीं है जब यह पक्षी प्रजातियां पूरी तरह समाप्त हो जाएंगी और इनका एहसास कभी-कभार किताबों में ही पढऩे से होगा।पर्यावरणविदों के मुताबिक हमारी जीवन शैली में बदलाव का भी इस पर असर पड़ा है। पहले घरों में छप्पर, छज्जे, रोशनदान होते थे, जो इन पक्षियों के आशियाने बन जाते थे, लेकिन आज जिस तरह आधुनिक शैली में घर बन रहे हैं, उसमें गौरैया के लिए कोने नहीं बच रहे। दूसरा यह है कि शहरों के विस्तार ने भी पक्षियों के लिए दिक्कत पैदा कर दी है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन, खेती में कीटनाशकों का इस्तेमाल, चारों ओर कोलाहल और मोबाइल व बिजली के ऊंचे टावर भी इनके लिए मुश्किल खड़ी कर रहे हैं। पर्यावरण प्रेमियों राजकुमार शर्मा, सुनीत ठाकुर, एचएल महाजन, विक्रम जंबाल, अजय पठानिया, मुकेश शर्मा, सुभाष सिंह इत्यादि का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण के नाम पर महज पौधरोपण करके औपचारिकता पूरी करने की बजाय सरकार को पेड़, पौधों, पक्षियों और वन्य प्राणियों को सहेजने की तरफ भी ध्यान देना चाहिए। 

प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों को आधार बनाकर नाइजीरिया के पारंपरिक खाद्य उत्पादों पर शोध की 

धर्मशाला , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों को आधार बनाकर दक्षिण अफ्रीकी देश नाइजीरिया के पारंपरिक खाद्य उत्पादों पर शोध की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसके लिए प्रदेश में पहली बार ‘‘बैंच स्पेस‘‘ कार्यक्रम के तहत पालमपुर पहुंचे नाइजीरिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक इसाक अयानिरान एडेस्कैन ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। पालमपुर विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश के पारंपरिक व्यंजनों पर शोध कर उन विशेष तत्त्वों की पहचान की गई है जो खासतौर पर उन्हीं पदार्थों में मौजूद रहते हैं। विवि के वैज्ञानिक प्रदेश के खास व्यंजनों मसलन बबरु, चिलड़ा, सेपू वड़ी, ओपरा फाफरा और छांग आदि पर शोध कर रहे हैं। इन बातों की जानकारी, जब नाइजीरिया विवि में पीएचडी कर रहे इसाक को मिली तो उन्होंने नाइजीरिया के पारंपरिक उत्पादों पर शोध करने के लिए कृषि विवि से संपर्क किया। नियमों के चलते इसाक को मंजूरी देने में दिक्कतें आ रही थीं, जिसके चलते प्रशासन ने नियमों में संशोधन कर ‘‘बैंच स्पेस‘’ कार्यक्रम के तहत इसाक को स्वीकृति प्रदान की और इसाक अब पालमपुर में अपने शोध को अंजाम दे रहे हैं। इसाक पालमपुर में पारंपरिक व्यंजनों को आधार बनाकर किए गए शोध के लिए अमल में लाई गई तकनीक और यहां के वैज्ञानिकों से मार्गदर्शन लेकर नाइजीरिया के पारंपरिक व्यंजनों पर शोध कर रहे हैं। वह खमीर की आणविक आधार पर गुणवत्ता को लेकर खास काम कर रहे हैं, यहां तैयार खमीर के कुछ खास तत्त्व इस शोध में सामने आए तो उनका उपयोग नाइजीरिया में भी किए जाने की संभावनाएं बन सकती हैं।

धर्मशाला की सुंदरता को ग्रहण 

धर्मशाला, 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  पर्यटक व खेल नगरी के नाम से जानी जाने वाली धर्मशाला की सुंदरता को ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा है। शहर के कई स्थानों में नगर परिषद धर्मशाला द्वारा कूड़ेदानों की व्यवस्था नहीं की गई है। इसके चलते लोगों को कूड़ा-कर्कट खुले में ही फेंकना पड़ रहा है। इस कारण लोगों को शहर में गंदगी फैलने के साथ ही संक्रमण का खतरा भी सता रहा है। ऐसे में कूड़ेदानों की व्यवस्था करने के लिए लोगों द्वारा नगर परिषद कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। मिनी राजधानी धर्मशाला के कई क्षेत्रों में कूड़ेदानों की उचित व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। शहर के रामनगर के लोगों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। हालांकि उक्त क्षेत्र में नगर परिषद द्वारा कूड़ादान रखा गया था, लेकिन समय पर कूड़ा नहीं उठाया जाता था और लोगों के विरोध पर कूड़ादान ही हटा दिया गया था। ऐसे में अब लोगों को कूड़ा-कर्कट फेंकने में मुश्किलें पेश आ रही हैं। लोगों द्वारा गंदगी को खुले में ही फेंका जा रहा है। शहर के लोगों ने नगर परिषद से अब उचित स्थान पर कूड़ादान रखने व समय पर कूड़ा उठाने की गुहार लगाई है। उधर, मंत पंचायत में किसी कारण कूड़ादान रखने के लिए उचित स्थान की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। इसके अलावा शहर के कई स्थानों पर कूड़ादान नहीं रखे गए हैं। वहीं, जिन स्थानों में कूड़ादान रखे हैं, वहां पर समय पर कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है। शहर की गंदगी कूड़ेदानों से बाहर की झांक रही है। लोगों द्वारा भी कचरा डस्टबिन के बाहर ही फेंका जा रहा है। उधर, इस बारे में नगर परिषद अध्यक्ष कमला पटियाल ने बताया कि जिस स्थान पर कूड़ादान रखने की मांग की जा रही है, वहां पहले कूड़ादान था। अब फिर उचित स्थान मिलने पर डस्टबिन रख दिया जाएगा। कर्मचारियों को समय पर कूड़ेदान से गंदगी उठाने के निर्देश दिए जाएंगे।

बेहतर मंदिर प्रबन्धन में स्थानीय लोगों की भागीदारी आवश्यक: सी$पॉलरासु

धर्मशाला, 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।  धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व रखने वाले कांगड़ा जिला में प्रयास किए जा रहे हैं कि यहां स्थित मंदिरों के रखरखाव और प्रबन्धन के लिए मंदिरों की सम्पत्तियों का सदुपयोग हो। बेहतर मंदिर प्रबन्धन में स्थानीय लोगों की भागीदारी आवश्यक है। भागसूनाग मंदिर के संदर्भ में जानकारी देते हुए आयुक्त मंदिर एवं उपायुक्त कांगड़ा सी$पॉलरासु ने बताया कि उन्होंने मंदिरों की सम्पत्तियों के प्रभावी व व्यवस्थित प्रबन्धन के लिए स्थानीय लोगों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। सी$पॉलरासु ने बताया कि इससे पूर्व भी इस संदर्भ में कुछ मंदिरों के लिए प्रयास किए थे, जिनके सार्थक परिणाम आने के उपरांत अब इस प्रक्रिया को अन्य मंदिरों पर भी लागू किया जा रहा है। उन्होंने भागसूनाग मंदिर के संदर्भ में जानकारी देते हुए कहा कि भागसूनाग मंदिर की सम्पत्ति मंदिर न्यास के अधीन है जिसका नियन्त्रण आयुक्त मंदिर एवं उपायुक्त कांगड़ा के पास है। उन्होंने भागसूनाग मंदिर सम्पत्ति को किसी पंजाब की पार्टी को देने की अफवाह को निराधार करार देते हुए कहा कि भागसूनाग सदन की सम्पत्ति के परिचालन हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थीं। लेकिन किसी भी निविदा अथवा प्रस्ताव पर कोई भी निर्णय नहीं किया गया है। मंदिर ट्रस्ट को लीज़ पर देने के बारे में फैलाई जा रही भ्रांतियां भी निरमूल हैं। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर मंदिरों की आय बढ़ाने के प्रयासों को अमलीजाम पहनाया जाएगा।

आठ हज़ार श्रद्धालुओं ने बाबा के दर मत्था टेका

हमीरपुर, 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।    उत्तरी भारत के सुप्रसिद्ध शक्ति पीठ बाबा बालक नाथ मन्दिर में आज  8 हज़ार श्रद्धालुओं ने  मत्था टेका । श्रद्धालुओं से कुल 7 लाख 76 हजार 329 रूपये प्राप्त हुए जिसमें से 6 लाख 83 हजार, 879 रूपये की नगदी चढ़ावे के रूप में  तथा  01 लाख 32 हजार 450 रूपये  दान के रूप में  प्राप्त हुए। इसके अतिरिक्त 6 ग्राम सोना, 17 ग्राम 500 मिलीग्राम चांदी, 210 इग्लैण्ड के पौंड, 3 यूएसए डॉलर, 25 कनैड़ा डॉलर, 50 यूएई, 10 न्यूजीलैंड मुद्रा प्राप्त हुई। यह जानकारी मन्दिर अधिकारी सुरेश पटियाल ने दी। 

देवानंद बने पार्वती पै्रस क्लब मणिकर्ण के प्रधान
  • -पै्रस क्लब के जिलाध्यक्ष धनेश गौतम ने मणिकर्ण में  की घोषणा

कुल्लू, , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) ।    पार्वती पै्रस क्लब ऑफ मणिकर्ण के चुनाव पै्रस क्लब जिला कुल्लू के अध्यक्ष धनेश गौतम की अध्यक्षता में संपन्न हुए।  यह चुनाव सर्वस मति से करवाए गए। जिसमें देवानंद को प्रधान चुना गया। जबकि चैयरमैन के पद पर अनिल चौहान को नियुक्त किया गया। इसके अलावा वरिष्ठ उपप्रधान नीना गौतम व उपप्रधान के पद पर नित्यानंद ,नील कुमार व चांद कुमार को आसीन किया गया। महासचिव पद पर पुष्कर राज को बिठाया गया। जबकि कोषाध्यक्ष पद पर लता देवी सचिव,पुष्करराज व सत्य प्रकाश को नियुक्त किया गया। योगेश कुमार को पार्वती  पै्रस क्लब ऑफ मणिकर्ण का सह सचिव बनाया गया। इस अवसर पर पै्रस क्लब आफ जिला कुल्लू के धनेश गौतम ने कहा कि पै्रस क्लब की गतिविधियां पूरे जिला भर में चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिला के हर खंडों में पै्रस क्लब के खंड स्तरीय चुनाव करवाए जाएगें। इससे पहले बंजार,पतलीकुहल व मनाली के चुनाव करवाए जा चुके हैं। जबकि अब सैंज,आनी व भुंतर के चुनाव भी शीघ्र करवाए जाएगें। उन्होंने कहा  कि पै्रस क्लब ने अपने सदस्यों के लिए विभिन्न प्रकार गतिविधियां चलाई हुई है  और भविष्य में भी पूरे जिला भर में पै्रस क्लब के सदस्यों के  उत्थान के लिए नई-नई गतिविधियों व योजनाओं को अमलीजामा पहनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी तक पै्रस क्लब कुल्लू ने मात्र दो माह में ही सराहनीय कार्य किए है। जिसमें महिला दिसव  के अवसर पर महिला मीडिया कर्मियों को स मानित किया गया। जबकि युवा पत्रकारों के लिए क्रिकेट मैच का सफल आयोजन हुआ। इसके   अलावा युवा पत्रकारों के लिए कराटे का शिविर अभी तक  जारी है।

राहुल की रैली फलाप करार

हमीरपुर , 20 मार्च  (विजयेन्दर  शर्मा) । प्रो0 प्रेम कुमार धूमल, पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष एवं बरिष्ठ नेता भाजपा ने एक प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि आज धर्मषाला में कांग्रेस की रैली पूरी तरह से विफल हो गई है। बहुत शोर था कि मोदी की रैली का जबाव धर्मषाला से देंगे लेकिन यह रैली टांय-टांय फिष हो गई । पंडाल में खाली कुर्सियां और उपस्थित लोगों के उदास चेहरे कांग्रेस की भविष्य की स्पष्ट झलक दिखा रही थी।सत्ता का पूरा दुरूपयोग करते हुये सरकारी कर्मचारियों को दफतर के समय के दौरान रैली में ले जाकर भी पंडाल भरा नही जा सका, कुर्सियां खाली रहीं। निजी स्कूलों के बच्चे भी अपनी उपस्थिति से कमी को पूरा नही कर सके। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने भूतपूर्व सैनिकों के मुद्दे का बड़ा जिक्र किया चह भल गये कि सैनिकों और भूतपूर्व सैनिकों की मुख्य समस्याओं का कारण कांग्रेस पार्टी रही है। क्या सैनिक इस इतिहास को नहीं जानते कि स्वतंत्रता के वाद कोग्रेस के ही एक बड़े नेता ने कहा था कि सेना की अब आवष्यकता ही नही है, हम तो शान्ति प्रिय देष हैं।1948 में जब भारतीय सेना कुछ ही घन्टो में सारा काष्मीर वापिस लेने का दावा कर रही थी, तब युद्धविराम की घोषणा किसने की ? उसके परिणास्वरूप आज तक कितने लोग शहीद हो चुके हैं ?हाल ही में प्रकाषित 1962 के युद्ध की रिर्पोट के अनुसार पराजय के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू को दोषी ठहराया गया है।1971 के युद्ध में जो 93 हजार पाकिस्तानी युद्धवन्दी बनाये गये थे, उनको बिना शर्त षिमला समझौते के अन्तर्गत किसने रिहा किया था ? कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण युद्ध से ज्यादा लोग तथाकथित शान्ति के दिनों में मारे गये हैं।क्या सैनिक और भूतपूर्व सैनिक कभी इस अपमान को भूल सकेंगे कि हमारे वीर सैनिकों के सिर काट कर दुष्मन ले गये लेकिन 125 करोड़ के देष की कांग्रेस सरकार न सिर वापिस ला सकी ना मूद्दा उठा सकी।‘‘वन रैंक वन पैन्षन’’ का मामला संसद में उठाने का सौभाग्य हमें प्राप्त है और भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री पद के प्रत्याषी श्री नरेन्द्र मोदी ने भूतपूर्व सैनिकों को ‘‘वन रैंक वन पैन्षन’’ देने की रिबाड़ी की रैली में घोषणा कर दी तब आनन-फानन में कांग्रेस सरकार की ओर से आधी अधूरी घोषणा बिना पूरा बजट का प्रावधान किये  कर दी गई और रक्षामंत्री को मानना पड़ा कि अभी ‘‘वन रैंक वन पैन्षन’’ पूरी तरह लागू नही होगी। सभी भूतपूर्व सैनिक यह जानना चाहते हैं कि 60 वर्षों तक भारत पर राज करने वाली कांग्रेस ने‘‘वन रैंक वन पैन्षन’’ के मुद्दे की इतने वर्षों तक क्यों अनदेखी की और अचानक उन्हें भूतपूर्व सैनिकों का दर्द कैसे याद आ गया ? क्या यह केवल चुनाव के कारण ही घोषणा नहीं की गई ? भूतपूर्व सैनिक जानना चाहते हैं कि गत एक वर्ष से भारतीय नेवी में कितनी दुर्घटनायें हुई हैं और कितने वीर अधिकारी और नौसैनिक शहीद हुये हैं।

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