होशंगाबाद (मध्यप्रदेश) की खबर (04 मार्च ) - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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बुधवार, 5 मार्च 2014

होशंगाबाद (मध्यप्रदेश) की खबर (04 मार्च )

प्रदेश सरकार किसानों को राहत देने में कोई कसर नहीं रखेगी-मुख्यमंत्री, श्री चौहान
  • होशंगाबाद जिले के ग्राम डंगरहाई में ओला पीड़ित किसानों को ढांढस बंधाई मुख्यमंत्री श्री चौहान ने

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होशंगाबाद 04 मार्च 2014/ प्रदेश सरकार किसानों को राहत देने में किसी प्रकार की कोई कसर नहीं रखेगी। किसानों को दो तरीके से राहत दी जाएगी। सबसे पहले किसानों के लिए फौरी तौर पर राहत की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने प्राथमिक तौर पर 2000 करोड़ रूपए की जरूरत का आंकलन किया है, जरूरत पड़ी तो और भी राशि का प्रावधान किया जाएगा। जिन किसानों की फसल पूरी तरह नष्ट हो गई है उन्हे 15 हजार रूपए प्रति हैक्टेयर की दर से मुआवजा दिया जाएगा। दूसरी ओर किसानों को राष्ट्रीय फसल बीमा योजना की पूरी-पूरी राशि दिलवाने के लिए अभियान चलाया जाएगा। यह बात आज मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने होशंगाबाद जिले के दूरस्थ अंचल स्थित बनखेड़ी तहसील के ग्राम डंगरहाई में ओला प्रभावित किसानों को संबोधित करते हुए कहीं। इसके पूर्व मुख्यमंत्री श्री चौहान ने डंगरहाई के किसान श्री अरविंद द्वारका प्रसाद, श्री फूलवर पिता नन्हेवीर के खेत में जाकर फसलों का अवलोकन किया। इस मौके पर प्रदेश के कृषिमंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, स्थानीय विधायक श्री ठाकुरदास नागवंशी, पूर्व सासंद श्री उदय राव प्रतापसिंह, पूर्व विधायक श्री हरिशंकर जायसवाल एवं श्री सुरेश राय, श्री संपत मुंदड़ा सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।  मुख्यमंत्री श्री चौहान ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश ने केन्द्र सरकार से ओला पीड़ित किसानों को राहत देनेके लिए 2000 करोड़ रूपए की मांग की है। उन्होने कहा कि अतिवृष्टि से प्रभावित सोयाबीन फसलों के लिए भी प्रदेश सरकार मुआवजा देगी और फसल बीमा योजना की राशि जो कि कुल 2300 करोड़ रूपऐ है, में प्रदेश के हिस्से की राशि जो कि लगभग साढ़े 1100 करोड़ रूपए है वह भी किसानों को वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों को राहत देने में प्रदेश की पूरी टीम लगी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार चने को समर्थन मूल्य पर नहीं क्रय कर रही है। इस समय बाजार में चना 2हजार रूपए से 2हजार 500 रूपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है जबकि इसका समर्थन मूल्य 3100 रूपए प्रति क्विंटल है। केन्द्र सरकार ने आयात शुल्क हटाकर विदेशी चना खरीदा । इससे देश में विदेशी चना आ गया और किसानों का चना सस्ते में बिकने लगा। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि देश के किसानों का चना समर्थन मूल्य पर क्रय कर किसानों को उसका वाजिब मूल्य दे। इसी तरह उन्होंने बताया कि प्रदेश का चावल बासमती चावल है इसे भारत सरकार की कामर्स मिनिस्ट्री से अनुशंसा भी करवा ली गई थी किन्तु भारत सरकार की एपिडा संस्था ने बोर्ड के पास जाकर प्रदेश का चावल बासमती नही है की अपील की है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि एपिडा से अपील वापस कराए और प्रदेश के चावल को बासमती माना जाए इससे होशंगाबाद जिले के किसानों को लाभ प्राप्त होगा। राष्ट्रीय फसल बीमा योजना के संदर्भ में उन्होंने कहा कि प्रतीत होता है कि यह योजना केवल बीमा कंपनी को फायदा पहुँचाने के लिए बनी है। किसानों को यदि नुकसान होता है तो यह योजना किसानों की भरपाई नहीं करती। बीमा कंपनी नुकसानी के लिए केवल उतनी ही राशि देगी जितना उतना प्रिमियम उनकेपास आया है। इस पर भी बीमा कंपनी ढाई प्रतिशत कमीशन लेगी। यह किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि किसानों पर आई विपत्ति को देखते हुए उन्होंने किसानों के हितों को सर्वोपरी रखा है । आज चुनाव संबंधी बैठक होने वाली थी जिसमें उम्मीदवारों का चयन किया जाना था। किन्तु किसानों पर आई विपदा को देखते हुए उन्होंने पहले किसानों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के असहयोग के चलते 6 मार्च को आधे दिवस के लिए भाजपा आधे दिवस का बंद रखेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों की परीक्षा को देखते हुए चक्का जाम नहीं किया जाएगा। किसान भाई सड़क के किनारे बैठकर प्रदर्शन करें। केन्द्र सरकार का भी दायित्व है कि वे किसानों कों आपदा की इस घड़ी में सहयोग दे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर सहित पूरा प्रशासन पूरी संवेदना के साथ किसानों को हुई नुकसानी का सर्वे करें। किसान और कर्मचारी एक हो जाए और जिस तरह मै घूम रहा हूं उसी तरह वे भी गांव गांव घूम कर किसानों को हुई नुकसानी का सर्वे करें। उन्होंने कहा कि किसी भी हालत में गलत सर्वे कर नुकसानी का कम आंकलन नही होना चाहिए। प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों ने अपना एक दिन का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने का निर्णय लिया है। इसी तरह प्रदेश के सांसदो एवं विधायकों ने भी एक माह का वेतन देने का निर्णय लिया है। इसी तरह कर्मचारी संगठनों ने भी मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहयोग प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राशि महत्वपूर्ण नहीं है देने का भाव होना चाहिए। उन्होने पिपरिया क्षेत्र के पूर्व विधायक श्री सुरेश राय की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होने किसानों के दर्द को समझते हुए एक लाख रूपए मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने की बात कहीं है। राहत कोष में कोई भी व्यक्ति दान दे सकते है छोटी से छोटी राशि भी स्वीकार की जाएगी। इससे संदेश जाएगा कि आपदा में पूरा प्रदेश अन्नदाता के साथ खड़ा है। उन्होंने कहा किसानों से कहां कि घबराने की जरूरत नहीं हैं संकट की घड़ी टल जाएगी और किसान फिर खुशहाल होगा। 

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