दो पाकिस्तानी अखबारों ने रविवार को प्रधानमंत्री नवाज शरीफ द्वारा भारत के नामित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सोमवार को होने जा रहे शपथ ग्रहण में आने का न्योता स्वीकार करने की सराहना की है, लेकिन यह भी कहा है कि मोदी-शरीफ मुलाकात से बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं पाला जाना चाहिए। अपने संपादकीय में द नेशन ने कहा है, "आम धारणा के विपरीत मुलाकात से कई अच्छी चीजें भी सामने आ सकती हैं।"
इसमें कहा गया है कि दोनों नेताओं के बीच मुलाकात एक दिन बाद होगी जिसके बाद पता चल सकेगा कि वास्तव में भारत की नई सरकार कहां खड़ी है। मोदी का अंदाज और उनकी भाषा हमारे प्रधानमंत्री के लिए गहरे संकेत वाले होंगे। अखबार ने कहा है कि यद्यपि शरीफ का भारत के साथ रिश्ते सुधारने का इरादा अब किसी से छिपा नहीं है फिर भी आधे घंटे की मुलाकात में उनके दिमाग में क्या है वह जाहिर हो जाएगा।
यही कारण है कि नई दिल्ली में सोमवार को होने जा रहे नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बारे में सकारात्मक फैसला लेने पर सरकार को समय लगा। न्यूज इंटरनेशनल ने कहा है कि मोदी के जोरदार मतों से जीतने के बाद भारत के साथ संबंधों में सुधार आने की उम्मीदें धूमिल ही हैं क्योंकि एक छोटी सी घटना को बढ़ा चढ़ाकर पेश करने की प्रवृत्ति ही बदलाव का प्रतीक है।
अखबार ने कहा है, "मोदी का शरीफ को न्योता और शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने के बारे में नवाज का सकारात्मक जवाब दोनों ही नेताओं की चतुराई भरी चाल है।" अखबार ने कहा है कि भारतीय न्योते का अर्थ यह नहीं है कि मोदी पाकिस्तान के साथ संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं।
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