अवधी भाषा और साहित्य में की गई सेवाओं के लिए राम बहादुर मिश्र को 'पंचम साहित्यकार सम्मान' से नवाजा गया। उत्तर प्रदेश की राजधानी स्थित प्रेस क्लब में रविवार को आयोजित सम्मान समारोह के दौरान मिश्र के नवीनतम कथा-संग्रह 'खिड़की वाली सीट' एवं 'शोध समालोचन' पत्रिका का लोकार्पण भी किया गया। साथ ही मिश्र ने अपनी सशक्त रचनाओं का पाठ किया।
इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय में संस्कृत विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. ओम प्रकाश पांडेय ने कहा, 'मेरे पिता की स्मृति में इस प्रकार का साहित्यिक आयोजन बहुत प्रेरक है। उन्होंने कहा कि शिक्षक वैसे ही आदरणीय होते हैं। लेकिन जब शिक्षक साहित्यकार भी हो तो यह सोने पर सुहागा ही कहा जा सकता है।'
वहीं, हिंदी विभाग के प्रो. पवन अग्रवाल ने कहा कि मिश्र जिस मनोयोग से अवधी भाषा और साहित्य की सेवा कर रहे हैं, वह अन्य कोई नहीं कर सकता। अच्छा साहित्य ही नैतिक मूल्यों को बचा सकता है। मिश्र के कार्य इस दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
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