अगली हरित क्रांति का नेतृत्व करें कृषि संस्थान : राष्ट्रपति - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

शुक्रवार, 27 जून 2014

अगली हरित क्रांति का नेतृत्व करें कृषि संस्थान : राष्ट्रपति


President Pranab Mukherjee
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को देश के कृषि संस्थानों के पेशेवरों से अगले चरण की हरित क्रांति का नेतृत्व करने के लिए 'प्रतिबद्ध, सक्षम और कठोर परिश्रम' का आह्वान किया। यहां के जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय की स्वर्ण जयंती दीक्षांत समारोह में मुखर्जी ने कहा, "अगली हरित क्रांति के लिए हमें कृषि संस्थानों से प्रतिबद्ध, सक्षम और कठोर परिश्रमी पेशेवरों की जरूरत है।"

उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र की सफलता में कृषि विश्वविद्यालयों की 'बड़ी भागीदारी' होती है। उन्होंने आगे कहा कि 'उनके प्रदर्शन का दारोमदार' तैयार होने वाले स्नातकों पर निर्भर है। उन्होंने उल्लेख किया कि गुजरते समय में कृषि विश्वविद्यालयों की गुणवत्ता खराब होती गई है।

मुखर्जी ने कहा, "विश्वविख्यात ताक्षशिला एवं नालंदा विश्वविद्यालय में कृषि की शिक्षा दी जाती थी। लेकिन बीतते वर्षो में हम अपनी स्थिति को कायम रखने में कामयाब नहीं रह सके। हमारे कृषि विश्वविद्यालयों को आज वैश्विक मान्यता नहीं है।"

कोई टिप्पणी नहीं: