कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही अचानक पद से हटाये जाने के बाद अपनी चुप्पी तोडते हुए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन.डीआरडीओ. के अध्यक्ष डा. अविनाश चंद्र ने आज कहा कि वह देश को अग्नि .5 जैसी अत्याधुनिक मिसाइल से लैस करने के बाद पूरे संतोष के साथ पद छोड रहा हूं। डा. चंद्र का डीआरडीओ प्रमुख के रूप में आज आखिरी दिन था और इसे यादगार बनाने के लिए वह खुद अग्नि.5 मिसाइल के प्रक्षेपण के मौके पर व्हीलर द्वीप स्थित परीक्षण रेंज पहुंचे थे। सफल प्रक्षेपण के बाद उन्होंने कहा .. डीआरडीओ में कार्यकाल के दौरान मेरा हर क्षण अच्छा बीता 1मुझे मिले र्समथन के लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं 1 मैं देश को अत्याधुनिक मिसाइल अग्नि.5 से लैस करने के बाद पूरे संतोष के साथ पद छोड रहा हूं। मैं डीआरडीओ समुदाय को शुभकामना देता हूं।..
रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार रहे डा. चंद्र ने कहा कि यह ऐतिहासिक क्षण है और इससे भारत की मारक तथा प्रतिरोधक क्षमता ने नया मुकाम हासिल किया है। अग्नि.5 के सफल प्रक्षेपण के लिए उन्होंने डीआरडीओ के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी।उन्होंने कहा कि इससे डीआरडीओ में उनका आखिरी दिन पूरी तरह सफल हुआ है। केन्द्र सरकार ने डा. चंद्र का कार्यकाल समाप्त होने से डेढ साल पहले ही 14 जनवरी को उन्हें पद से हटाने का निर्णय लिया था। उनके स्थान पर रक्षा सचिव आर के माथुर को डीआरडीओ का अतिरिक्त कार्यभार साैंपा गया है। डा. चंद्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान . दिल्ली से इंजीनयरिंग में स्नातक की उपाधि लेने के बाद 1972 में डीआरडीओ में भर्ती हुए थे। अग्नि श्रृंखला के प्रक्षेपास्त्रों के लिए किये गये अथक कार्य के लिए डा. चंद्र को इन प्रक्षेपास्त्रों का जनक माना जाता है
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