बीमा संसोधन विधेयक को लोकसभा से मिली मंजूरी - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

गुरुवार, 5 मार्च 2015

बीमा संसोधन विधेयक को लोकसभा से मिली मंजूरी

आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में अहम बीमा विधि संशोधन विधेयक 2015 को लोकसभा ने बुधवार को मंजूरी दे दी। यह विधेयक इस बारे में लाए गए अध्यादेश की जगह लेगा। राज्यसभा में हालांकि इसे सहमति मिलने पर कठिनाई हो सकती है, इसलिए सरकार ने इसे संसद से पारित कराने के लिए दोनों सदनों की संयुक्त बैठक बुलाने के संकेत दिए हैं। 

राज्यसभा में बीजेपी और उसके सहयोगियों को मिलाकर भी बहुमत नहीं है और कांग्रेस ने कहा है कि विधेयक को जिस तरह लोकसभा में लाया गया और पारित कराया गया है, हम उसके खिलाफ हैं। लोकसभा से विधेयक पास होने के बाद वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि अगर राज्यसभा में विधेयक पारित नहीं हो पाता है, तो सरकार के पास संसद का संयुक्त अधिवेशन बुलाने का विकल्प है। 2008 में मूल विधेयक को लाने वाली कांग्रेस ने उच्च सदन में इसे समर्थन देने का वादा नहीं किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि हम विधेयक के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसे लोकसभा में जिस तरह पारित कराया गया है, हम उस तरीके के विरुद्ध हैं। इस बिल में इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है। यह बिल राज्यसभा में अटका हुआ है।

चर्चा में भाग लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने इंश्योरेंस सेक्टर में एफडीआई बढ़ाने की सरकार की पहल पर कहा कि बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा ने संसदीय समिति की रिपोर्ट में एफडीआई बढ़ाए जाने का विरोध किया था, अब उनके पुत्र जयंत इसका समर्थन कर रहे हैं। जवाब में जयंत ने कहा कि राज्यसभा में बेशक हमारी संख्या कम है, मगर हमें भरोसा है कि अन्य दल इस बिल का समर्थन करेंगे। हम समर्थन जुटाने का प्रयास करेंगे।

लोकसभा ने कोयला खान (कोल ब्लॉक) (विशेष उपबंध) बिल 2015 को मंजूरी दे दी, जो इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा। इससे कोयला ब्लॉकों के ऑक्शन और उसको आवंटित करने के लिए हरी झंडी मिल गई है। बिल पर चर्चा का जवाब देते हुए कोयला मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इसमें सभी राज्यों के हितों का ध्यान रखा गया है जो अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के साथ प्रदेशों को भी सुदृढ़ बनाएगा। कोयला ब्लॉक के आवंटन में गड़बडि़यों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की ओर से 204 ब्लॉकों का आवंटन रद्द किए जाने के बाद इस क्षेत्र के लिए एक अध्यादेश लाया गया था। अध्यादेश के स्थान पर बिल लाने की जरूरत के मद्देनजर ही यह बिल लाया गया, क्योंकि शीर्ष अदालत के आदेश के मुताबिक ऐसा 31 मार्च 2015 तक करना जरूरी है वरना कई खानों के बंद होने का खतरा था।

विवादास्पद भूमि विधेयक को सरकार सोमवार को लोकसभा में विचार के लिए ला सकती है। इसके साथ ही वह इस बारे में सहयोगी दलों, विपक्ष और किसान संगठनों की आपत्तियों को दूर करने के लिए इसमें कुछ संशोधन करने का मन भी बना रही है। संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार भूमि विधेयक पर विपक्ष के सार्थक और रचनात्मक सुझाव लेने की इच्छुक है, जिन्हें विधेयक को पारित करने के लिए पेश करते समय शामिल किया जाएगा।

कोई टिप्पणी नहीं: