राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद जल्द संभालना चाहिए: सचिन पायलट - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

Breaking

प्रबिसि नगर कीजै सब काजा । हृदय राखि कौशलपुर राजा।। -- मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी ।। -- सब नर करहिं परस्पर प्रीति । चलहिं स्वधर्म निरत श्रुतिनीति ।। -- तेहि अवसर सुनि शिव धनु भंगा । आयउ भृगुकुल कमल पतंगा।। -- राजिव नयन धरैधनु सायक । भगत विपत्ति भंजनु सुखदायक।। -- अनुचित बहुत कहेउं अग्याता । छमहु क्षमा मंदिर दोउ भ्राता।। -- हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता। कहहि सुनहि बहुविधि सब संता। -- साधक नाम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्ध अनिमादिक पाएं।। -- अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के । कामद धन दारिद्र दवारिके।।

बुधवार, 26 अगस्त 2015

राहुल गांधी को कांग्रेस अध्यक्ष का पद जल्द संभालना चाहिए: सचिन पायलट

राजस्थान कांग्रेस के प्रमुख सचिन पायलट का कहना है कि राहुल गांधी को जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का प्रभार संभालना चाहिए और सोनिया गांधी को संसदीय दल के प्रमुख के रूप में संगठन का मागदर्शन करना चाहिए. पायलट महसूस करते हैं कि कांग्रेस उपाध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद पार्टी में उर्जा भरने का काम किया है और संसद में और बाहर सत्तारूढ़ भाजपा को निशाने पर लेकर पार्टी का आगे बढ़कर नेतृत्व कर रहे हैं. पायलट ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ राहुल गांधी को जल्द ही प्रभार संभाल लेना चाहिए (पार्टी के अध्यक्ष के रूप में).’’

उन्होंने हालांकि जोर दिया कि यह उनका निजी मत है और राहुल गांधी को पदोन्नत करने के बारे में कांग्रेस कार्यकारी समिति फैसला करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘ यह पार्टी का सामूहिक फैसला होगा.’’ उल्लेखनीय है कि राहुल ने राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पराजय के बाद राजस्थान इकाई का नेतृत्व करने का दायित्व सचिन पायलट को सौंपा है. 

पायलट ने इस बात पर जोर दिया कि सोनिया गांधी पार्टी की ‘मार्गदर्शक शक्ति’ बनी रहेंगी. सचिन पायलट ने कहा कि राहुल की रणनीति राज्यों में पार्टी को मजबूत बनाने की है ताकि वह केंद्र में वापसी के लिए साल 2019 में होने वाले अगले आम चुनाव तक ताकत वापस हासिल कर ले. संसद के कामकाज में कांग्रेस की ‘बाधाकारी’ भूमिका संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी दल का यह कर्तव्य है कि वह ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाले में भाजपा नेताओं की कथित संलिप्तता को उजागर करे.

पायलट ने कहा, ‘‘ सिर्फ इसिलए कि आपके पास बहुमत है, इसका अर्थ यह नहीं कि आपको अपनी इच्छा के अनुरूप कुछ भी करने का ब्लैंक चेक मिल गया है .’’ उन्होंने भूमि विधेयक पर हठधर्मिता और विपक्ष तक पहुंचने में विफलता का आरोप लगाते हुए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा. कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस को सुधार के मुद्दे पर भाजपा के प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है और दावा किया कि भाजपा जब विपक्ष में थी तब छोटे छोटे मुद्दों पर संसद में कामकाज बाधित करती थी.

पायलट ने कहा, ‘‘ हम बाधा उत्पन्न करने का काम नहीं करना चाहते हैं लेकिन संसद चलाना सरकार का जिम्मेदारी है. वे विपक्ष तक पहुंचने की जहमत नहीं उठाते हैं. इस भावना का अभाव हो गया है.’’ लोकसभा में पारित सुधार से संबंधित विधेयकों को राज्यसभा में ‘ वीटो ’ करने संबंधी वित्त मंत्री अरूण जेटली की आलोचना के बारे में पूछे जाने पर सचिन पालयट ने कहा, ‘‘ आप खेल के नियमों को केवल इसलिए नहीं बदल सकते हैं क्योंकि आप उसे पसंद नहीं करते हैं. आप इसलिए राज्यसभा को दरकिनार नहीं कर सकते क्योंकि यह असुविधाजनक है...’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए पायलट ने कहा कि उन्होंने ललित मोदी प्रकरण और व्यापमं घोटाला मामले पर एक शब्द भी नहीं कहा जबकि वह नारे गढ़ने में समय बिताते रहे. उन्होंने कहा, ‘‘ पहले एक या दो साल प्रत्येक सरकार के लिए अच्छे रहते हैं. लेकिन इस सरकार के बारे में लोगों ने कहना शुरू कर दिया है कि वह अपने वादे पूरा करने में विफल रहेगी.’’

कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ आज की समस्या के लिए पिछली सरकारों पर दोष लगाने से आपको मदद नहीं मिलेगी. आपकी समस्या के लिए विपक्ष पर आरोप लगाने से आपको मदद नहीं मिलेगी. इससे आपको कोई परिणाम नहीं प्राप्त होगा.’’

कोई टिप्पणी नहीं: