नयी दिल्ली, 30 दिसम्बर, कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपने 19 माह के शासनकाल में असफल रहने, वादे पूरे नहीं करने और राष्ट्रीय मुद्दों पर विपक्ष की सहमति लेने को महत्व नहीं देने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि वह अपने राजनीतिक विरोधियों का अपमान करते हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आनंद शर्मा ने यहां विशेष संवाददात सम्मेलन में कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में महंगाई तथा भ्रष्टाचार बढा है और सामाजिक सौहार्द्र का माहौल बिगड़ा है। झूठे वादे और सपने दिखाने की बदौलत मोदी सरकार असंवेदनशील बनकर काम कर रही है और वह पूरी तरह से कृषि क्षेत्र तथा किसानों की अनदेखी में जुटी है। सरकार के आर्थिक विकास के मोर्चे पर विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि उसकी अदूरदृष्टिता के कारण देश की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था चिंताजनक है। सरकार गलत आंकड़ दे कर देश को गुमराह कर रही है। उसने साल की शुरुआत में विकास का जो आंकड़ा दिया था उसके आर्थिक सर्वे में इस साल की यह अनुमानित दर पहले से काफी नीचे गिरी है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 12 महीनों से देश का निर्यात लगातार तेजी से गिर रहा है जिससे निर्माण क्षेत्र में हजारों नौकरियों का नुकसान हुआ है। माेदी सरकार हर साल दो करोड़ लोगों के लिए नौकरियों का वायदा करके सत्ता में आई थी लेकिन उसने आज देश को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है, जहां नौकरियां तो खत्म हो रही हैं साथ ही सरकार भी आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में असफल हो रही है।
प्रवक्ता ने सरकार पर सामाजिक सुरक्षा के तानेबाने को कमजोर करने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस सरकार ने समाज के हर वर्ग को मजबूत बनाने के लिए उसे सामाजिक सुरक्षा प्रदान की थी लेकिन भाजपा सरकार ने इन क्षेत्रों के बजट में कटौती करके इस सुरक्षा तंत्र की धज्जियां उड़ा दीं हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी सबसे ज्यादा विदेश यात्रा करने वाले प्रधानमंत्री बन गए हैं लेकिन अभी तक उनकी सरकार की विदेश नीति के कोई ठोस परिणाम नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा कि श्री मोदी को याद दिलाना जरूरी है कि कूटनीति एवं राजकौशल में अन्य देशों के नेताओं के साथ तालमेल बिठाने के लिए गंभीरता एवं विचारशीलता की आवश्यकता होती है लेकिन मोदी सरकार के शासन में कई देशों के साथ संबंधों में अनपेक्षित प्रतिक्रिया एवं अचानक बदलाव से क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मामलों में भारत की प्रतिक्रिया एवं मुद्दों का महत्व कम हुआ है। श्री शर्मा ने सरकार पर विपक्ष को साथ लेकर नहीं चलने का भी आरोप लगाया और कहा कि कहा कि अब साफ हो गया है कि सरकार की मानसिकता विपक्ष के साथ टकराव की है। राजनीतिक विरोधियों का अपमान करने, चुन चुन कर उन पर हमले करने और बदले की राजनीति करने से स्पष्ट हो गया है कि यह सरकार भारत के राष्ट्रीय हित के विषय में सभी दलों के बीच आम सहमति बनाना ही नहीं चाहती।

कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें