नयी दिल्ली 31 जनवरी, राजपथ पर तीनों सेनाओं की क्षमता के प्रदर्शन के बाद अगले सप्ताह विशाखापत्तनम में होने वाले अंतरराष्ट्रीय बेडा समीक्षा समारोह के दौरान भारतीय नौसेना की समुद्री तथा हवाई ताकत के साथ साथ दुनिया भर की नौसेनाओं के साथ उसके निरंतर बढते तालमेल की झलक दिखाई देगी। समारोह में भारतीय युद्धपोत 50 से भी अधिक देशों की नौसेनाओं के जहाजों के साथ संयुक्त अभ्यास में अपने जौहर दिखायेंगे। युद्धपोत और पनडुब्बियों के साथ-साथ नौसेना के लगभग 90 विमान अपने हैरतअंगेज हवाई करतब पेश करेंगे। यह पहला मौका है जब चीन भारतीय नौसेना के इस तरह के आयोजन में अपने पोत भेज रहा है। इसके अलावा अमेरिका,रूस, फ्रांस , ब्रिटेन और जापान जैसी महाशक्तियों के पोत भी इस आयोजन में शामिल होंगे। लेकिन भारत का निकटतम पडोसी पाकिस्तान इसमेें अपने पोत नहीं भेज रहा है।
नौसेना बेडे का निरीक्षण काफी पुरानी परंपरा है और दुनिया भर की नौसेनाओं में यह प्रचलित है। यह ऐसा मौका होता है जब नौसेना अपनी संचालन और समुद्री युद्ध की तैयारियों का सेना के सर्वोच्च कमांडर के समक्ष प्रदर्शन करती है। भारत में हर राष्ट्रपति अपने शासनकाल में एक बार नौसेना के बेडे का निरीक्षण करता है। देश में आजादी के बाद से अब तक दस बार नौसेना के बेडे का निरीक्षण हो चुका है। पहला बेडा निरीक्षण 1953 में हुआ था। भारतीय नौसेना ने सबसे पहले 2001 में अंतर्राष्ट्रीय बेडा निरीक्षण का आयोजन किया था। पहले इस तरह के आयोजना में नौसेना, तटरक्षक बल और व्यापारिक जहाज भाग लेते थे लेकिन अब यह एक ऐसे बडे अंतरराष्ट्रीय आयोजन का रूप ले चुका है जिसमें दुनिया भर की बडी नौसेनाएं शिरकत करती हैं।
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