नयी दिल्ली 06 मई, उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड विधानसभा में 10 मई को शक्ति परीक्षण कराने को आज मंजूरी दे दी, लेकिन इसमें कांग्रेस के नौ बागी विधायक हिस्सा नहीं ले सकेंगे। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति शिवकीर्ति सिंह की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि आगामी मंगलवार को सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक राज्य में राष्ट्रपति शासन नहीं रहेगा और इस दौरान शक्ति परीक्षण किया जाएगा। एक बजे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन फिर से लागू हो जाएगा। न्यायालय ने किसी पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त की निगरानी में शक्तिपरीक्षण कराने का निर्देश दिया है। साथ ही विधायकों के मतदान की वीडियोग्राफी कराने तथा इसे सीलबंद लिफाफे में उसके समक्ष सौंपने को कहा है।
शक्ति परीक्षण का आदेश तब आया जब केंद्र सरकार ने कहा कि वह उत्तराखंड में शक्तिपरीक्षण कराने को तैयार है। नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला दिया था, जिसके खिलाफ केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा रखी है। गौरतलब है कि 18 मार्च को विधानसभा में विनियोग विधेयक पर मत विभाजन की भाजपा की मांग का कांग्रेस के नौ विधायकों ने समर्थन किया था, जिसके बाद प्रदेश में सियासी तूफान पैदा हो गया था और उसकी परिणिति 27 मार्च को राष्ट्रपति शासन के रूप में हुई थी।

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