मानसून सत्र में जीएसटी पारित होने की उम्मीद : जेटली - Live Aaryaavart (लाईव आर्यावर्त)

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मंगलवार, 31 मई 2016

मानसून सत्र में जीएसटी पारित होने की उम्मीद : जेटली

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टोक्यो 31 मई, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज भ्ररोसा जताया कि कई प्रकार के राज्य और केन्द्रीय कर प्रावधानों के स्थान पर लाया जाने वाला वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक संसद के मानसून सत्र में पारित हो जायेगा। कांग्रेस के विरोध की वजह से राज्यसभा में लटके इस विधेयक पर श्री जेटली ने कहा कि यह विधेयक लोकसभा में पास हो चुका है और राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान पारित हो जायेगा । छह दिन की यात्रा पर जापानी निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आकर्षित करने आये वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी पर सभी राजनीतिक दल करीब-करीब एक राय हैं। इसलिए, उनका विश्वास है कि यह मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पारित होकर कानून की शक्ल ले लेगा। निक्केई इंक की तरफ से “एशिया का भविष्य” सम्मेलन को संबोधित करते हुये श्री जेटली ने जीएसटी पर कांग्रेस का नाम लिए बिना कहा कि एक राजनीतिक दल को कुछ आपत्ति है। सरकार उसके साथ बातचीत कर रही है और उम्मीद है कि समाधान हो जायेगा । 

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने ही पहली बार वर्ष 2006 में जीएसटी का प्रस्ताव किया था। वह चाहती है कि जीएसटी के तहत कर की सीमा 18 प्रतिशत रखी जाये जिसका उल्लेख संवैधानिक दस्तावेज में किया जाये। अंतरराज्यीय कारोबार पर एक प्रतिशत का अतिरिक्त शुल्क का प्रावधान हटाया जाये और विवादों के समाधान के लिए एक स्वतंत्र तंत्र विकसित हो। जीएसटी के कानून बन जाने से पूरे देश में बेरोक-टोक कारोबार हो सकेगा और भारत के 29 राज्य के एकल बाजार का रूप ले लेंगे। वित्त मंत्री ने जापानी निवेशकों के सामने भारत की विकास गाथा पेश करते हुये कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार बुनियादी सुविधा क्षेत्र में अधिक से अधिक खर्च करने के साथ-साथ कारोबार को सहज बनाने के लिए और संस्थानिक तथा बाजार के अनुरूप सुधार लाने के लिये प्रतिबद्ध है। श्री जेटली ने कहा कि पिछले दो वर्ष में मानसून का साथ न/न होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती से आगे बढ़ी है। वैश्विक मंदी का इस पर असर नहीं हुआ है। वैश्विक मंदी और दो साल के सूखे के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इस दौरान हमारी विकास दर 7.2 तथा 7.6 प्रतिशत रही है। नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्यकाल का उल्लेख करते हुये वित्त मंत्री ने कहा कि दो साल के दौरान 101 कानून संसद में पारित किये गये। कुछ विधेयक लंबित हैं जिन्हें पारित कराने के लिए सहमति बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसमें कुछ समय लगेगा।

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